छोटी बचत योजनाओं के भुगतान में भी नहीं चलेंगे 500 और 1000 के पुरानेे नोट
500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का इस्तेमाल अब छोटी अवधि की बचत योजनाओं में जमा के लिए भी नहीं किया जा सकेगा।
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री ने मंगलवार को बताया कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का इस्तेमाल अब छोटी अवधि की बचत योजनाओं में जमा के लिए भी नहीं किया जा सकेगा। वित्त मंत्रालय ने बताया कि उसे बैंकों के जरिए यह बात पता चली है कि बीते 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से इन उच्च मूल्य वर्ग के नोटों (500 और 1000 रुपए के नोट) को छोटी बचत योजनाओं के तहत खोले गए खातों में जमा किया जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा, “मंत्रालय में इस मामले की जांच हुई और फिर यह तय किया गया कि छोटी बचत योजनाओं के ग्राहकों को 500 और 1000 रुपए के पुराने करेंसी नोट जमा करने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती है।” आपको बता दें कि छोटी बचत योजनाओ में पोस्ट ऑफिस डिपाजिट, पब्लिक प्रोविडेंट फंड और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाएं आती हैं। इन योजनाओं पर मिलने वाला ब्याज 7.3 फीसदी से 8.5 फीसदी तक होता है।
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जिन लोगों के पास 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट हैं वो 30 दिसंबर तक अपने पुराने नोट बैंक में जमा और बदल सकते हैं। इसके साथ ही आरबीआई ने 500 और 2000 रुपए का नया नोट भी जारी कर दिया है।
बैंकों में पहुंच चुकी है इतनी नकदी:
आरबीआई की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के हिसाब से देश के बैंकों में 10 से 18 नवंबर के बीच 5.44 लाख करोड़ की नकदी आ चुकी है। इस राशि में लोगों की ओर से बैंकों में जमा की गई राशि 5.12 लाख करोड़ है और पुराने नोटों से नए नोटों की अदला-बदली से आए नोटों की संख्या 33,000 करोड़ है। इस अवधि के दौरान बैंकों ने बाजार में 1,03,316 करोड़ रुपए की नकदी छोड़ी है इसमें खाता धारकों की ओर से की गई निकासी के माध्यम से और नोटों की अदला-बदली के माध्यम से बाजार में आई नकदी शामिल है।