चिदंबरम के दरवाजे तक पहुंची 2जी की जांच
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के दरवाजे तक पहुंच चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनी के दो निदेशकों को समन भेजा है। ईडी के अधिकारियों ने दावा किया है कि जल्द ही कार्ति चिदंबरम को भी पूछताछ के लिए
नई दिल्ली, [नीलू रंजन]। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के दरवाजे तक पहुंच चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनी के दो निदेशकों को समन भेजा है। ईडी के अधिकारियों ने दावा किया है कि जल्द ही कार्ति चिदंबरम को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। कार्ति की कंपनी पर एयरसेल मैक्सिस डील में लाभ कमाने का आरोप है।
आरोप है कि 2006 में एयरसेल मैक्सिस डील के दौरान एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाया गया था। दरअसल पूरी डील के पहले ही एयरसेल टेलीवेंचर लिमिटेड में एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग को पांच फीसद शेयर दे दिया गया। एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग में दो-तिहाई से अधिक हिस्सेदारी आस्ब्रीज होल्डिंग्स एंड इनवेस्टमेंट की है। जबकि आस्ब्रीज होल्डिंग्स एंड इनवेस्टमेंट में 94 फीसद से अधिक शेयर कार्ति चिदंबरम के हैैं। इस तरह से एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग को एयरसेल मैक्सिस डील में जो भी लाभ मिला, वह सीधे तौर पर कार्ति चिदंबरम के खाते में गया।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार फिलहाल एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग के दोनों निदेशकों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इन दोनों से ईडी यह जानने की कोशिश करेगा कि डील के पहले एयरसेल टेलीवेंचर ने अपने पांच फीसद शेयर उनकी कंपनी को कैसे दिया? इसमें कार्ति चिदंबरम की क्या भूमिका थी? इसके साथ ही उनसे एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग में आस्ब्रीज होल्डिंग्स एंड इनवेस्टमेंट की हिस्सेदारी और कामकाज में कार्ति चिदंबरम की भूमिका के बारे में भी सवाल किये जाएंगे। लेकिन सबसे अहम यह है कि ईडी खुद कार्ति चिदंबरम से भी पूछताछ की तैयारी कर रहा है और उसके लिए उन्हें जल्द ही समन भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि भाजपा नेता सुब्रह्मïण्यम स्वामी तीन साल से एयरसेल मैक्सिस डील में पी चिदंबरम की भूमिका और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि एयरसेल को खरीदने के लिए मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को विदेशी निवेश संवद्र्धन बोर्ड (एफआइपीबी) की मंजूरी जरूरी थी, जो वित्त मंत्रालय के मातहत आता है। स्वामी के अनुसार उस समय वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने एफआइपीबी मंजूरी देने के एवज में रिश्वत के रूप में एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग को पांच फीसद हिस्सेदारी देने का दबाव बनाया था। वैसे खुद चिदंबरम संसद में बयान दे चुके हैैं कि एयरसेल मैक्सिस में उनके परिवार के किसी भी सदस्य को कोई लाभ नहीं मिला है। लेकिन ईडी के नोटिस ने उनके इस दावे पर सवालिया निशान लगा दिया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।