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भारत में छुपे हैं ऐसे कई खजाने जो आज तक नही ढूंढे गये

भारत में अभी भी खजाने के ऐसे भंडार है जिनका पता अभी तक कोई भी नही लगा पाया है। भारत के वो 8 बेशकीमती खजाने आज भी एक रहस्य ही बने हुए हैं

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 11:09 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 03:39 PM (IST)

भारत को पहले सोने की चिडिय़ा कहा जाता था ये तो हम सभी जानते हैं। ये सिर्फ सुनी सुनायी बातें नही हैं बल्कि भारत में वाकई खजाने के भंडार थे, ऐसा प्रमाण पुरानी राजा महाराजाओं की कहानियों में भी मिलते हैं। लेकिन क्या आपको पता है है कि विदेशी आक्रमणकारियों के लूटे जाने के बाद भी भारत में अभी भी खजाने के ऐसे भंडार है जिनका पता अभी तक कोई भी नही लगा पाया है। इंडियाटाइम्स के अनुसारभारत के वो 8 बेशकीमती खजाने आज भी एक रहस्य ही बने हुए हैं और शायद अपने खोजे जाने का इंतजार कर रहे हैं।

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1. सोनभंडार गुफा का ख्रजाना, बिहार

ईसा पूर्व पांचवी शताब्दी में बिम्बिसार मगध का राजा था। इसके बाद ही मौर्य साम्राज्य का विस्तार शुरू हुआ था। सोनभंडार गुफाएं एक बड़ी चट्टान को काट कर बनायी गयी हैं। ये बिहार के राजगीर में स्थित हैं। इन गुफाओं में शंख लिपि में लिखे शिलालेख, जिसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है, के अनुसार एक गुप्त रास्ता है, जिसके द्वारा राजा बिम्बिसार के खजाने तक पहुंचा जा सकता है। खजाने से जुड़े संकेत इतने ठोस थे कि अंग्रेजों ने इस खजाने को खोजने के लिए बहुत प्रयास किया यहां तक कि तोप का भी सहारा लिया पर असफल रहे और अब तक कोई इस खजाने तक नहीं पहुंच पाया है।

2. नादिर शाह का खजाना

फारसी आक्रमणकारी नादिर शाह ने 1739 में अपनी 50 हजार सेनाओं के साथ भारत पर हमला कर दिल्ली को अपने कब्जे में कर लिया था। इस नरसंहार में लगभग 20 से 30 हजार निर्दोष लोग मौत के घाट उतार दिये गये थे। कहा जाता है कि ये इतनी बड़ी लूट थी कि खजाने को ले जा रहा काफिला 150 मील लम्बा था। लूटे गये खजाने में मयूर तख्त और कोहिनूर हीरे के साथ लाखों की संख्या में सोने के सिक्के और बड़ी मात्रा में जवाहरात थे। इतिहास में दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक , माना जाता है कि नादिर शाह की हत्या अहमद शाह ने की थी। कुछ समय बाद, अहमद शाह की भी मौत एक गंभीर बीमारी से हो गई। कुछ कहानियों का मानना है कि अपनी मौत से पहले अहमद शाह ने नादिर शाह के लूटे गये खजाने को हिंदुकुश पर्वत की सुरंग में कहीं छुपा दिया था। इस बेशकीमती खजाने को अभी भी खोजा जाना बाकी है। गौरतलब है कि कोहिनूर हीरा इस वक्त ब्रिटेन में और मयूर तख्त ईरान में है।

3. मीर उस्मान अली का खजाना, हैदराबाद

मीर अली उस्मान हैदराबाद के आखिरी निजाम थे। वे इतने धनी थे कि 2008 में फोर्ब्स मैगजीन ने उन्हें 210 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के सर्वकालिक सबसे धनी लोगों में पांचवें पायदान पर रखा था। 18911 में उन्हें हैदराबाद की गद्दी विरासत में मिली। उनके पिता की भोग विलास की जीवन शैली के कारण राज्य कोष पूरी तरह से खाली था। उन्होंने लगभग 37 साल राज किया और इस दौरान उन्होंने बेशुमार दौलत इक_ी कर ली थी। उनके खजाने में रूबी, हीरे, मोती, नीलम जैसे बहुमूल्य रत्नों से जड़े बेशकीमती गहने थे। इस खजाने का पता अभी तक कोई नही लगा पाया हैं।

4. मान सिंह प्रथम का खजाना, जयपुर

अकबर के नवरत्नों में से एक, अकबर की सेना के सेनापति थे जयपुर के राजा मानसिंह। एक पुरानी कहानी के अनुसार, 1580 में अफगान विजय के बाद, उन्होंने अकबर को लूट का हिस्सा नहीं दिया और खजाने को जयगढ़ के किले में छुपा दिया। कुछ लोगों का मानना है कि खजाने को उनके किले के नीचे ही छिपाया गया था। इस बात की प्रमाणिकता इस बात से भी मिलती है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल के समय खजाने की खोज का आदेश दिया था। हालांकि, सरकारी रिपोर्टों में इस खोज को व्यर्थ करार दिया गया।

5. अलवर का मुगल खजाना, राजस्थान

दिल्ली से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है राजस्थान के अलवर का किला। लोककथा के अनुसार, मुगल राजा जहांगीर ने देश छोडऩे से पहले यहां शरण ली थी और अपना खजाना यहीं छुपाया था। मुगल साम्राज्य से पहले भी अलवर का राज्य बेहद संपन्न था। अलवर का मुगल खजाना भी उन रहस्यमयी खजानों में से एक है, जिनका पता आज तक नहीं चल पाया है। इस खजाने की सबसे बेशकीमती चीज एक कप है, जिसे एक बहुत बड़े हीरे को तराश कर बनाया गया था।

6.पद्मनाभस्वामी मंदिर का खजाना, केरल

केरल के इस मंदिर को खजाने का भंडार कहा जाता है। तिरुअनंतपुरम का पद्मनाभस्वामी मंदिर जून 2011 में सुर्खियों में आया था, जब इसके एक भूमिगत मेहराब को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खोला गया था। इसके अन्दर जो मिला, वो अत्यंत ही चौंकाने वाला था। इसमें विभिन्न प्रकार केगहने, मुकुट, सोने के बर्तन और कई कीमती रत्न निकले। इसमें लगभग 13,96,01,00,00,000 रुपये का खजाना निकला था। इस मंदिर में एक और ऐसा भूमिगत मेहराब है, जहां एक और खजाना होने की आशंका है। इस मंदिर के पुजारियों का कहना है कि अगर मंदिर के दूसरे मेहराब को खोला गया तो भयंकर तबाही आ सकती है। ऐसा माना जाता है कि इस खज़ाने की रखवाली महाकाय नाग करते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में अगर इस खजाने को खोला जाता है ताक इसमें से क्या निकलता है और क्या अनहोनी होती है।

7. कृष्णा नदी का खजाना, आन्ध्र प्रदेश

दुनिया के सबसे बेहतरीन हीरों का खनन कृष्णा नदी के किनारे कोल्लुर में हुआ था। गोलाकोंडा राज्य का यह भाग आज कृष्णा और गुंटूर जिले केनाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि आज भी हीरे की बहुत बड़ी खेप वहां मौजूद है। सबसे खास बात ये है कि कोहिनूर हीरा भी इसी जगह से आया था।

8. ग्रोसवेनोर जहाज का मलबा, दक्षिण अफ्रीका

इस खजाने की खोज करने करने वालों को भारत से दूर जाना पड़ेगा। दरअसल ये जहाज भारत से बहुत दूर दक्षिण अफ्रीका के पास डूबा था। 1782 में ये जहान मद्रास से निकला था। कीमती समान से भरे इस जहाज में 2,600,000 सोने के सिक्के और मूर्तियां, बेशकीमती पन्ने, माणिक और अन्य हीरे-जवाहरात शामिल थे। 4 अगस्त, 1782 को ये जहाज दक्षिण अफ्रीका के पास डूब गया था। बाद में इस जहाज के मलबे को तो ढूंढ निकाला गया, पर खजाने का एक छोटा हिस्सा ही बरामद हो सका, बाकी का खजाना अब भी वहीं है।

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