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50 साल की हुई अमूल गर्ल

अमूल के विज्ञापनों के केंद्र में रहने वाली यह लड़की अब पचास साल की हो चुकी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Oct 2016 08:14 AM (IST)Updated: Mon, 17 Oct 2016 10:23 AM (IST)

अटर्ली बटर्ली डिलीशियस। चाहे टीवी हो, अखबार या फिर होर्डिग। सभी जगह अमूल के विज्ञापनों में पोनी टेल (चोटी) और फ्रॉक पहने एक खास लड़की जरूर दिखती है। अमूल के विज्ञापनों के केंद्र में रहने वाली यह लड़की अब पचास साल की हो चुकी है। विज्ञापनों में अमूल गर्ल हर बड़े मुद्दे को अपने शब्दों में बड़े सहज तरीके से बयां करती है। फिर चाहे आइपीएल फिक्सिंग हो, महिला सशक्तीकरण की बात हो, चुनावी मुद्दे हों या फिर हाल ही में हुई सर्जिकल स्ट्राइक हो। गंभीर से गंभीर मसले में भी इस लड़की ने हास्य की मिसरी घोली। लोगों के दिलों पर राज करने वाली इस विज्ञापन गर्ल के सफर पर एक नजर:

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पॉलसन गर्ल को टक्कर देने के लिए आई अमूल गर्ल
1915 में पॉलसन नामक मक्खन और कॉफी ब्रांड बाजार में आया। बाद में उसने अपने विज्ञापन में एक लड़की के काटरून (पॉलसन गर्ल) को जगह दी। अमूल कंपनी उससे अच्छा विज्ञापन लाना चाहती थी।

1966 में आई अमूल गर्ल
अमूल ने 1966 में अपने विज्ञापन बनाने के लिए विज्ञापन एजेंसी एडवरटाइजिंग एंड सेल्स प्रमोशन (एएसपी) से समझौता किया। एएसपी के मैनेजिंग डायरेक्टर सिलवेस्टर दाकुन्हा और आर्ट डायरेक्टर यूटेस फर्नाडिस कुछ ऐसा बनाना चाहते थे, जो देश की सभी गृहणियों को आकर्षित करे। तब गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के तत्कालीन चेयरमैन डॉ वर्गीज कुरियन ने एक छोटी बच्ची के काटरून की रचना करने का विचार दिया। अक्टूबर में मुंबई (बांबे) में घोड़े पर बैठी अमूल गर्ल वाला पहला विज्ञापन जारी हुआ। इसे लोगों ने खूब पसंद किया।

1967 में हुई मुद्दे की शुरुआत
एक साल बाद सिलवेस्टर ने इन विज्ञापनों को ताजे मुद्दों पर आधारित करने का विचार बनाया। वह इसके दायरे को बढ़ाना चाहते थे। 1969 में मुंबई में जब हरे रामा, हरे कृष्णा आंदोलन शुरू हुआ तो अमूल ने अपने विज्ञापन में लिखा ‘हरी अमूल, हरी हरी’। अंग्रेजी में हरी का मतलब जल्दी और हिंदी में इसे भगवान हरि से जोड़ा गया। लोगों ने इस क्रिएटिविटी को हाथोंहाथ लिया। सफलता के बाद से अमूल हर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे पर ऐसे विज्ञापन जारी करता है।

इमरजेंसी में भी रहा जारी
1975-77 के बीच 21 महीने के लिए देश में लगी इमरजेंसी के वक्त भी यह विज्ञापन जारी रहा था। इनमें से एक विज्ञापन में लिखा गया था।
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