बच्चे की इन स्वास्थ्य समस्याओं का उपाय है आसान
बच्चे स्वस्थ, तो घर का माहौल खुशहाल। बच्चों की केयर बहुत महत्वपूर्ण है। सही जानकारी के अभाव में गलती हो सकती है। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए चिकित्सक की सलाह की जितनी आवश्यकता है उतनी ही घर पर देखभाल की। वे क्या खाएं? उनका रूटीन कैसा हो? वे किसी संक्रमण के शिकार न हों। इन बातों से अभिभावक हमेशा चिंताग्रस्त रहते हैं। कुछ परेशानियों के हल सुझा रहे हैं हमारे विशेषज्ञ
मेरे डेढ़ साल के बेटे को खांसी-जुकाम व तेज बुखार के बाद प्राय: तेज झटके-दौरे पड़ते हैं। पिछले छह माह में ऐसा तीन बार हो चुका है। बच्चे का मानसिक विकास सामान्य है। क्या करूं?
शीतल साहनी
-ये लक्षण ‘फैब्राइल सीजर’ शीतल साध्नी नामक बीमारी की ओर संकेत करते हैं, जिसे कुछ जांचों द्वारा दौरे के अन्य कारणों से भिन्न किया जा सकता है। यह बामारी पांच-छह वर्ष की उम्र के बाद अधिकतर बच्चों में स्वत: ठीक हो जाती है। इस बीच बालरोग विशेषज्ञ की सलाह से बुखार आने पर कुछ विशेष दवाएं देकर दौरा पड़ने से रोका जा सकता है।
मेरी चार साल की बेटी को पिछले दो साल से बार-बार छाती में जकड़न की शिकायत है। बार- बार सांस फूलने लगती है और सीने से सांय-सांय की आवाज आती है। अक्सर नेबुलाइजर व अन्य दवाएं देनी पड़ती हैं। इस बीमारी का कोई स्थाई हल बताएं।
सुनीता वर्मा
- आपके द्वारा बताए गए लक्षण एलर्जी की ओर संकेत करते हैं जो कि ‘चाइल्ड अस्थमा’ यानी दमा भी हो सकता है। बार-बार ऐसी जकड़न होना न सिर्फ फेंफड़ों में सूजन पैदा करता है, बल्कि बच्चे के शारीरिक विकास पर भी बुरा असर डालता है। अत: शीघ्र ही बालरोग विशेषज्ञ की राय से एंटी एलर्जिक दवाओं व संभवत: थेरैपी की शुरुआत करें। इनकी मदद से व खास परहेज द्वारा आप एलर्जिक समस्या पर काबू पा सकती हैं।
मेरे एरिया में पीलिया की बीमारी फैली हुई है। इस बीमारी से मैं अपने बच्चे को कैसे बचा सकती हूं? कृपया सलाह दें।
नूर फातिमा
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- पीलिया से बचाव के लिए बच्चों को बाहर के खुले पदार्थ खिलाने से परहेज करें। शौच के बाद व खाने से पहले साबुन से हाथ अवश्य धुलवाएं। पीने का पानी हमेशा उबला हुआ या फिल्टर्ड ही हो। खाना ताजा पका हुआ ही दें। डेढ़ वर्ष से बड़े बच्चों को हिपेटाइटिस-ए वैक्सीन द्वारा दूषित खानपान से फैलने वाले पीलिया से बचाया जा सकता है।
मेरे ग्यारह महीने के बेटे के दांत निकल रहे हैं। इस वजह से अक्सर उसका पेट खराब हो जाता है। क्या इसका कोई समाधान है?
अजीत जायसवाल
- दांत निकलने के समय बच्चों के मसूढ़ों में अड़चन महसूस होती है जिस वजह से वे हर चीज मुंह में डालते व काटते रहते हैं। इन गंदी चीजों से होने वाला संक्रमण ही दस्त की वजह बनता है। इसलिए हमें बच्चों के आसपास रखी वस्तुएं व खिलौने साफ रखने चाहिए। समय-समय पर उसके हाथ धुलाने चाहिए। बच्चे को एक साफ ‘टीथर’ भी दिया जा सकता है।
मेरी आठ वर्ष की बेटी रात में सोते समय अक्सर पेशाब कर देती है। इसकी वजह से हम सब बहुत चिंतित रहते हैं। कोई हल बताएं।
विसाखा साहू
- रात में सोते समय बिस्तर गीला करना यानी ‘नॉक्टर्नल एन्यूरेसिस’ पांच वर्ष की आयु के उपरांत असामान्य है। सर्वप्रथम तो इस समस्या की वजह से होने वाला तनाव कम करें। बच्चे को तनावमुक्त व दोस्ताना माहौल प्रदान करें और उसे इस समस्या से निजात पाने में उसके भागीदार बनें। पॉजिटिव रि-एनफोर्समेन्ट, अलार्म थेरैपी व आधुनिक दवाओं के इस्तेमाल से 70-75 प्रतिशत बच्चों में इसे आसानी से दूर किया जा सकता है। सिर्फ आपके धैर्य की आवश्यकता है।
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मेरा तेरह महीने का बेटा अब तक एक भी अक्षर नहीं बोलता है। उचित सलाह दें।
साक्षी अरोड़ा
- तेरह माह की उम्र तक बच्चे का एक भी अक्षर न बोल पाना चिंताजनक हो सकता है। ऐसे में सर्वप्रथम उसके सुनने की जांच कराएं। बच्चे के गर्भावस्था व नवजात अवस्था के दौरान होने वाली समस्याओं का ब्यौरा देखना आवश्यक है। यह भी संभव है कि उसके बैठने, चलने, वस्तुएं पकड़ने आदि की गतिविधियां भी प्रभावित हों। अत: किसी कुशल बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।
मेरी उम्र पंद्रह साल है। मुझे लंबे समय से कब्ज की शिकायत है। दिन में तीन-चार बार दूध पीता हूं, पर कोई लाभ नहींहोता। कुछ मदद करें।
आकाश द्विवेदी
- आपके खान-पान में कुछ बदलाव की आवश्यकता है। दूध, मैदा व जंक फूड्स का सेवन कम करें। अनाज, फल, हरी सब्जियां, सूप, सलाद आदि अधिक लें। पढ़ाई का तनाव अधिक न लें व प्रतिदिन एक घंटा व्यायाम अवश्य करें। इसके बाद भी लाभ न होने की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें व आवश्यक जांचें कराएं।
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