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बच्चों के लिए बेहद जरूरी होते हैं दोस्त, आखिर दोस्तों से ही तो आते हैं ये गुण

बच्चे अकेले रहना पसंद कर रहे हैं इसका मतलब है वे अलगाव की तरफ जा रहे हैं। ऐसे में ये टिप्स अपनाकर उन्हें सही दिशा में लाया जा सकता है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 05 Jan 2017 01:32 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jan 2017 04:44 PM (IST)
बच्चों के लिए बेहद जरूरी होते हैं दोस्त, आखिर दोस्तों से ही तो आते हैं ये गुण
बच्चों के लिए बेहद जरूरी होते हैं दोस्त, आखिर दोस्तों से ही तो आते हैं ये गुण

बच्चों के सबसे करीबी उनके दोस्त होते हैं। अगर उनके दोस्त न हों तो ये उनके लिए तो दुख की बात होती ही है साथ ही बड़ों के लिए भी चिंता का विषय बन जाती है। क्योंकि बच्चे अपने हमउम्र के साथ ही एक जुड़ाव महसूस करते हैं जिनके साथ खुल कर बात और मस्ती कर सकते हैं।
इन सबके अलावा बच्चों का उनके दोस्तों से अलगाव उनके स्कूल एडजस्टमेंट पर भी गलत प्रभाव डालता है। वो अपने स्कूलवर्क में भी फोकस नहीं कर पाता है। उनका अपने दोस्तों के साथ इंटरैक्शन करना भी बहुत जरुरी हो जाता है क्योंकि इसी के द्वारा वे दोस्ती और रिश्तों को डेवलप करने की स्किल और उसे कैसे मेंटेन रखना है ये सीखते हैं।
बच्चों के कम दोस्त या दोस्त नहीं बनाने की बहुत सारी वजहें हो सकती हैं। एक कारण ये हो सकता है कि उन्हें सामाजिक परंपराओं के बारे में पता नहीं होता है जिस कारण उन्हें पता नहीं होता है कि किसे क्या बोलना है और किसके साथ कैसे पेश आना है। इसी के साथ ही वे उनके साथ दोस्ती बढ़ाने की कोशिश न करके उनसे दूरियां बनाना शुरु कर देते हैं। इसीलिए कभी-कभी उन्हें अकेले रहना अपेक्षाकृत कम दुख देता है।

कुछ बच्चे इसलिए भी फ्रेंड्स नहीं बनाते हैं क्योंकि उनके आस-पास के दोस्त काफी मजाकिया किस्म के होते हैं, बहुत ज्यादा बातें करते हैं जो उन्हें पसंद नहीं होते हैं और वे उनसे कट कर रहना ही पसंद करते हैं।
दोस्ती करना बच्चों के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होता है लेकिन कुछ बातें होती होती हैं जो उन्हें जरुर सिखायी जानी चाहिए। अगर आपके बच्चे सामाजिक रुप से परिपक्व नहीं हैं तो उन्हें एक सामाजिक कोच की जरुरत है। इन प्रयासों के द्वारा बच्चे एक अलग तरीके से विकास करते हैं और सरप्राइजिंगली दूसरे बच्चे उनसे कनेक्ट करना भी शुरु कर देते हैं।
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क्या उपाय अपना सकते हैं
टास्क के द्वारा उन्हें फ्रेंडशिप का महत्व समझा सकते हैं। इसके अंतर्गत आप उन्हें दो तरीके से समझा सकते हैं कि दोस्त क्या कर सकते है और दोस्त क्या नहीं कर सकते हैं। इनके जवाब जहां तक हो सकें बच्चों से ही निकलवाने की कोशिश करें। ऐसा करने से उनमें समझ जल्दी विकसित होगी।
- समय समय पर उनका निरीक्षण करें और पता लगाने की कोशिश करें कि वे अकेलेपन में क्यों जा रहे हैं। ये सूचनायें आपको उनकी मदद करने में सहायक होगी।
- सोशल इंटेलिजेंस को बढ़ाने की कोशिश करें। किसी से लड़ाई हो जाने पर उन्हें निजी तरीके से सवाल पूछ कर समझायें उनसे पूछें कि उन्हें क्या लगता है कि उनके दोस्त ने उनके साथ ऐसा क्यों किया होगा। ऐसा करने से उनमें सोचने समझने और विश्लेषण करने की क्षमता बढ़ेगी।
- सोशल कोच की मदद से उन्हें बेसिक स्किल सिखा सकते हैं जैसे कि लोगों के साथ आई कॉंटैक्ट कैसे करना है। टास्क में कैसे हिस्सा लेना है। टास्क में उन्हें मोटिवेट करें कि वे अपने काम को आत्मविश्वास के साथ खुद कर सकते हैं। उनकी क्षमता और खूबियों का उन्हें एहसास करायें।
- ऐसी एक्टिविटी करायें जिनके द्वारा वे अन्य दूसरे बच्चों के साथ इंटरैक्ट कर सकें और उनसे जल्दी घुलमिल सकें। उन्हें अपने जैसे बच्चों के साथ दोस्ती बढाने का टास्क दें। ये उनके रिलेशनशिप को बनाने में मदद करेगा।
- समय-समय पर किड्स एक्टिविटी का आयोजन करें और उन्हें अपने दोस्तों को निमंत्रण करने को कहें।
- दोस्ती बढ़ाने में उनकी मदद करें। उनके और उनके दोस्तों के बीच मध्यस्थता का काम करें। ऐसे मौके ढूढें जिनमें वे टास्क या किसी भी इक्टिविटी के दौरान उन्हें अपनी जोड़ी की जरुरत पड़े।
- एक जैसे रहने वाले बच्चों के लिए लंच क्लब का आयोजन करें। उनसे कहें कि अगर वे एक दूसरे के साथ घुल मिल कर रहेंगे तो वे इस लंच क्लब के मेंबर बन सकते हैं।
- अगर बच्चे का उपहास किया जा रहा है तो तुरंत इस चीज को रोकें।उपहास उड़ाने वाले बच्चो को साईड में ले जाकर समझायें कि उनकी ये हरकत दूसरों को कितना तकलीफ दे सकती है।
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