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    नए सिरे से रणनीति तय करेगा झामुमो, तालमेल पर भी बढ़ेगी बात

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Thu, 25 May 2017 04:49 PM (IST)

    झामुमो के महासचिव विनोद के मुताबिक सरकार के खिलाफ स्वाभाविक गुस्सा पनप रहा है।

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    नए सिरे से रणनीति तय करेगा झामुमो, तालमेल पर भी बढ़ेगी बात

    प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर भविष्य की रणनीति पर काम करना आरंभ किया है। इसके तहत दल के रणनीतिकार तमाम मुद्दों को चिन्हित कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। इस बाबत तैयारी अंतिम चरण में है। जून के पहले सप्ताह में पार्टी की शीर्ष कार्यकारिणी की बैठक होगी। इसमें वरीय नेता साथ बैठकर मंथन करेंगे। इसके बाद तमाम फैसले पर केंद्रीय कमेटी की राय ली जाएगी।

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    झामुमो के महासचिव विनोद कुमार पांडेय के मुताबिक सरकार के खिलाफ स्वाभाविक गुस्सा पनप रहा है। नीतिगत मसलों पर भारी विरोध है। मुख्य विपक्षी दल होने के नाते इसे हम आवाज देंगे और लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएंगे। दरअसल जमीन संबंधी कानून में संशोधन की राज्य सरकार की कवायद और स्थानीयता नीति की परिभाषा को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मानने से इन्कार कर दिया है। यही वजह है कि इस मसले पर शीतकालीन सत्र और बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया।

    जीएसटी पारित करने को लेकर आहूत विधानसभा का विशेष सत्र के दौरान भी पार्टी के विधायकों ने विरोध का रास्ता अख्तियार किया। सदन में हंगामे पर जब नेता प्रतिपक्ष सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष से सवाल दागा गया तो उनका सीधा जवाब था कि विधानसभा तभी सार्थक होगा तब राज्य के आदिवासियों-मूलवासियों का अस्तित्व बचेगा। जाहिर है इस लड़ाई की अगुवाई को झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने हाथ से नहीं जाने देगा। इसकी एक बड़ी वजह झारखंड नामधारी दलों द्वारा इस मसले पर अलग-अलग अपनाया गया सुर है।

    झारखंड मुक्ति मोर्चा के भीतर इस मसले पर सर्वसम्मति है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किसी भी हालत में संशोधन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। झामुमो यह भी मानता है कि चौतरफा प्रेशर के कारण ही अभी तक सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर राजभवन की हरी झंडी नहीं मिली है। कार्यसमिति की बैठक में इस मसले पर धारदार आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

    तालमेल पर भी बढ़ेगी बात

    झारखंड मुक्ति मोर्चा यूपीए का हिस्सा रहा है। भाजपा के साथ सरकार में शामिल होने के बावजूद पार्टी ने एनडीए में शामिल होने की इच्छा नहीं जताई। फिलहाल दल के शीर्ष रणनीतिकारों की नजर राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन पर है। राज्य में झामुमो को साथ लिए बगैर कोई विपक्षी गठबंधन कारगर नहीं होगा। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पूर्व में कह चुके हैं कि समय आने पर वे इसकी घोषणा करेंगे। तमाम राजनीतिक घटनाक्रम पर पार्टी की नजर है।


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