पर्यटकों पर मेहर, बागवानों पर बरसी मुसीबत
बिलासपुर, शिमला, ऊना, कुल्लू, चंबा, सोलन में सामान्य से अधिक मेघ बरसे हैं, जबकि हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा में बारिश का आंकड़ा सामान्य से कम है।
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश में बेमौसमी बारिश पर्यटकों के लिए राहत तो बागवानों के लिए मुसीबत बन गई है। पहली मार्च से अब तकप्रदेशभर में 210 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है जो सामान्य से 14 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान सबसे ज्यादा बारिश सिरमौर जिले में सामान्य से 32 प्रतिशत अधिक है, जबकि सबसे कम बारिश लाहुल स्पीति में सामान्य से 34 प्रतिशत कम रिकॉर्ड की गई है।
बिलासपुर, शिमला, ऊना, कुल्लू, चंबा, सोलन में सामान्य से अधिक मेघ बरसे हैं, जबकि हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा में बारिश का आंकड़ा सामान्य से कम है। शिमला में 14 प्रतिशत सामान्य से अधिक बारिश हुई है। बेमौसमी बारिश के साथ ओलावृष्टि से सेब, लीची, प्लम, आड़ की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो बेमौसमी बारिश पहाड़ी परिवेश के लिए आने वाले समय में खतरे की घंटी है। बीते पांच साल में पहली बार मई के दौरान इतनी अधिक बारिश हुई है। इससे फसलें तबाह हो गई हैं और ओलावृष्टि ने फल भी खराब कर दिए हैं।
अभी जारी रहेगा बारिश का दौर
बारिश की यह स्थिति आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मंगलवार और बुधवार को राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश रिकार्ड की जाएगी। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है। सोमवार को प्रदेश का अधिकतम तापमान नाहन में 35.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान कल्पा में 7.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
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