हिमाचल: मंत्रियों के कामकाज से मुख्यमंत्री खफा
चुनावी दौर में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के कामकाज से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खफा है। इस बाबत मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जाहिर की है।
शिमला [जेएनएन]: चुनावी दौर में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के कामकाज से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खफा है। मंत्रियों को जिस मुस्तैदी के साथ जिलों की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए, वह धरातल से नदारद है। सूत्रों के अनुसार, इस बाबत मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जाहिर की है। अपने-अपने एजेंडे पर फोकस कर रहे मंत्रियों के बारे में यह प्रतिक्रिया तब सार्वजनिक हुई है जब निचले हिमाचल के दौरों के दौरान विधायकों के साथ काफी खींचतान मंत्रियो की दिखी है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री को यह फीडबैक भी शीतकालीन दौरो के दौरान स्थानीय विधायकों ने दी है कि मंत्री उनकी सुनते ही नहीं और इस तरह उनके हलकों में या तो काम ढीले हो रहे है या फिर इनका श्रेय भी नहीं लिया जा रहा।
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पता चला है कि जिन मंत्रियों के विभागों से संबंधित कार्य विधायक करवाने जाते है उन्हें भी प्राथमिकता से नहीं लिया जा रहा था, इसीलिए इस मुद्दे पर वीरभद्र सिंह ने गंभीरता से मंत्रियों को दो टूक कहा है कि अब चुनाव का समय है और जन प्रतिनिधियों की बात सुननी चाहिए। कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल में कई ऐसे लोग है जिनकी खुद की बड़ी महत्वाकांक्षाएं है और राजनीति में मुख्यमंत्री की गद्दी तक पहुंचना चाहते है। ऐसे में अधिकांश मंत्रियों की दौड़ अपने हलको से सीधे दिल्ली तक है। अपने जिले या प्रदेश के अन्य क्षेत्रों पर तवज्जो कम ही है। ऐसे में सरकार के विकास कार्यो को जनता के बीच साझा नहीं किया जा रहा है।
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'पहले विधायक पढ़े-लिखे नहीं होते थे। जो मंत्री कह देता था वे मान लेते थे, लेकिन अब विधायक उच्च शिक्षा प्राप्त है और धरातल पर काम करते है। ऐसे में जैसे पहले मंत्री इन्हें (विधायको को) चला लेते थे अब वह वक्त खत्म है। मंत्रियो को विधायकों की बात समझनी चाहिए और अपने जिले के तमाम लोगों की बात समझनी चाहिए।'-वीरभद्र सिंह, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश।