फीस 21 हजार रुपये, वसूले जा रहे थे दो लाख
प्रदेश में कई निजी शिक्षण संस्थान शिक्षा के नाम पर अपनी जेबे गर्म करने का गोरखधंधा कर रहे है। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान का पर्दाफाश हुआ है।
जेएनएन, शिमला : प्रदेश में कई निजी शिक्षण संस्थान शिक्षा के नाम पर अपनी जेबे गर्म करने का गोरखधंधा कर रहे है। निजी शिक्षण नियामक आयोग ने वीरवार को ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान का पर्दाफाश किया है। संजौली में वर्ष 2007 से चल रहा हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म नाम के संस्थान में भी शिक्षा देने के नाम पर निर्धारित फीस कई गुणा अधिक वसूली जा रही थी।
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लोगों ने इस संस्थान में वसूली जा रही लाखों की फीस को लेकर जिला पुलिस को भी शिकायत दी थी। पुलिस ने इस संबंध में निजी शिक्षण नियामक आयोग को सूचित किया था। इसके बाद निजी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन बीके सिंह को आयोग में पेश होने को कहा गया था। संस्थान के चेयरमैन से की गई पूछताछ के दौरान ऐसे तथ्य सामने आए कि सभी लोग दंग रह गए। जिस विश्वविद्यालय से इस संस्थान ने एमओयू साइन किया था, उसके प्रोस्पेक्ट्स में फीस 21 हजार रुपये निर्धारित की गई है।
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हेरीटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म एक विद्यार्थी से दो लाख रुपये से अधिक फीस वसूल रहा था। नियामक आयोग ने डिसटेस कोर्स करवाने वाले इस निजी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन को अपने पूरे दस्तावेज बताने को कहा जिसमें कई प्रकार की त्रुटियां पाई गई है। आयोग ने इस संस्थान को तुरंत प्रभाव से बंद करने का निर्देश जारी किया है। इस संबंध में पुलिस को भी सूचित किया गया है।