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जाट आंदोलन में हिंसा की जांच के लिए प्रकाश कमेटी पहुंची रोहतक

हरियाणा में जाट हिंसा आंदोलन के दौरान हिंसा में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की जांच के लिए बनाई गई कमेटी के प्रमुख उत्‍तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह शुक्रवार काे रोहतक पहुंचे। उन्‍होंने अफसराे क‍े साथ बैठक की और हि्रसा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 04 Mar 2016 12:08 PM (IST)Updated: Fri, 04 Mar 2016 01:39 PM (IST)

राेहतक। हरियाणा में जाअ आंदोलन के दौरान हिंसा में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की भूमिका की जांच के लिए बनाई कमटी कमेटी के प्रमुख उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह शुक्रवार को रोहतक पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और हिंसा से प्रभावित जगहों का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दोरान पुलिस व प्रशासन की ओर से हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमाें की भी जानकारी ली।

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प्रकाश सिंह शुक्रवार को सुबह यहां पहुंचे। उन्हाेंने सबसे पहले पुलिस व प्रशासनिक अधकिारियों के साथ बैठक की आैर जाट आंदोलन के दौरान हिंसा फैलने आैर उसे रोकने के लिए किए गए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद, वह शहर में हिंसा प्रभावित स्थानों के निरीक्षण के लिए निकले।

रोहतक में जांच करतें उप्र के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह।

उन्होंने तोड़फोड़ और अागजनी के शिकार तीन-चार स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दाैरान उन्होंने हालात पर काबू पाने और इन स्कूलाें को उपद्रवियों से बचाने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछताछ की। इसके बाद वह वीटा मिल्क प्लांट गए और वहां के हालात का जायजा लिया। यह मिल्क प्लांट आगजनी और तोड़फोड़ का बुरी तरह शिकार हुआ था। प्रकाश सिंह ने यहां हुए पूर घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से कई सवाल भी पूछे।

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प्रकाश सिंह कमेटी प्रदेश में जाट आंदोलन के दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है। इससे पहले प्रकाश सिंह ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री, गृह सचिव व मुख्य सचिव समेत कई अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक की थी। कमेटी डेढ़ माह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

दूसरी तरफ, अनुमान है कि जाट आंदोलन के दौरान दंगा फैलाने व रास्ते रोकने के लिए करीब 17 हजार पेड़ काटे गए थे और 434 स्थानों पर रास्ते जाम किए गए थे। राज्य सरकार के पास पहुंची रिपोर्ट के बाद नुकसान की भरपाई के प्रयास शुरू कर दिए गए हैैं। राज्य सरकार के वन विभाग ने विभिन्न स्थानों पर तीन गुणा अधिक पेड़ लगाने का फैसला लिया है।

आरक्षण आंदोलन के बाद सैकड़ों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है लेकिन जाट आरक्षण की मांग का मुद्दा अभी ज्यों का त्यों है। प्रदेश सरकार द्वारा नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को भी भेजी जाएगी। प्रदेश को केंद्र के विशेष पैकेज की आस है।


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