पता नहीं सरकार किन जाटों से बात करेगी, हमें तो न्योता नहीं मिला : यशपाल
यशपाल मलिक ने हरियाणा सरकार की तरफ से जाट व खाप नेताओं से की जा रही समझौता वार्ता पर सवाल खड़े किए। उन्हाेंने कहा कि उनके संगठन को बातचीत के लिए कोई न्योता नहीं मिला है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने हरियाणा सरकार की तरफ से जाट व खाप नेताओं से की जा रही समझौता वार्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैैं। यशपाल मलिक ने कहा कि उन्हें सरकार की ओर से बातचीत का कोई न्योता नहीं मिला है। 17 जून को सरकार किन लोगों के साथ बातचीत करेगी, यह सरकार ही जाने, जबकि आंदोलन हमारे जाट व खाप नेता चला रहे हैैं।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने 17 जून को जाट व खाप नेताओं को बातचीत के लिए चंडीगढ़ बुला रखा है। इसी दिन जाट आरक्षण पर लगी अंतरिम रोक पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई है।
असली आंदोलनकारियों को नहीं बुलाया सरकार ने
यशपाल मलिक के अनुसार सरकार के पास बातचीत के लिए कुछ लोग हमेशा तैयार रहते हैैं। पिछले फरवरी माह में जब आंदोलन शुरू हुआ था, तब भी सरकार ने कुछ लोगों से बातचीत की थी और हमसे दिल्ली में बात हुई थी। इसी तरह पिछले दिनों एक बातचीत पंचकूला में हुई और दूसरी दिल्ली में हुई। इसलिए सरकार अगर अपने नारे लगाने वाले लोगों से बातचीत कर रही है तो हमें कोई एतराज नहीं है, मगर वास्तविक आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया है।
पढ़ें : हरियाणा ने दिल्ली से मांगे पानी के बकाया 150 करोड़
99 फीसद लोगों को झूठे मुकदमें में फंसाया
मलिक ने कहा कि 99 फीसद लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैैं। हम आंदोलनकारियों को रिहा करने व झूठे मुकदमे वापस लेने की अपनी मांग पर अडि हैैं। यदि सरकार जाट आरक्षण के लिए मजबूत पैरवी करने का भरोसा दिलाती है तो हम उस पर यकीन करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार 17 जून की बैठक से पहले उन जाट व खाप नेताओं के नाम साïर्वजनिक करे, जिन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया है।
पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड में भी शुरू होगा आंदोलन
मलिक ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में जाट आंदोलन चल रहा है। जाटों को संविधान की नौवीं अनुसूची में आरक्षण चाहिए। पंजाब में आंदोलन शुरू हो रहा है और जल्दी ही हिमाचल तथा उत्तराखंड में भी आंदोलन चलेगा। मलिक ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय होता है कि उन्हें किस राज्य में जाना है। हरियाणा का नंबर आते ही वह जल्दी यहां का दौरा करेंगे।
पढ़ें : जाट आंदोलन पर गरमाई सियासत, हुड्डा और चौटाला ने संभाला मोर्चा, भाजपा हमलावर
मलिक ने उठाए ये मुद्दे
- हरियाणा सरकार ने 22 फरवरी 2016 को समझौता किया था, जिसके मुताबिक निर्दोष लोगों को जेलों से रिहा करने पर सहमति बनी थी, मगर अभी तक न तो दर्ज मुकदमे वापस लिए गए और न ही लोगों को रिहा किया गया। साढ़े तीन माह से जेलों में लोग तंग हो रहे हैैं।
- भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए
- सांसद पीपी चौधरी द्वारा लोकसभा में पेश प्राइवेट राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन बिल 2015 को सरकारी बिल माना जाए
- इसे लोकसभा के अगले सत्र में पास कर उन सभी जातियों को आरक्षण दिया जाए जो राज्य सरकारों की ओबीसी आरक्षण सूची में शामिल हैैं, परंतु केंद्र की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं हैैं।
प्रदेश के कई स्थानों पर धरना दे रहे हैं जाट
अखिल भारतीय जाट आरक्षण आंदोलन समिति के बैनर तले रोहतक के जसिया गांव, कुरुक्षेत्र के जैनपुर जाटान गांव, पानीपत के मतलौडा, हिसार के मय्यड़ , फतेहाबाद के ढाणी भोजराज, कैथल में किच्छाना कुई, करनाल के बल्ला, भिवानी में धनाना, चरखी दादरी में शहर के सेक्टर आठ , रेवाड़ी के बावल के प्राणपुरा और सोनीपत के लघु सचिवालय के पार्क में जाट समुदाय के लोग धरने पर बैठे हैं।