निजी क्लीनिकों में बिना फार्मासिस्ट दवाओं के वितरण पर हाई कोर्ट सख्त
याची ने दलील दी कि प्राइवेट क्लीनिक व अस्पतालों में डॉक्टर खुद दवाई रखते हैं। क्लीनिक में जो दवाएं होती हैं उसे डॉक्टर अपनी प्राथमिकता से निर्धारित करता है
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के प्रावधानों के विपरीत निजी क्लीनिक व अस्पतालों में बिना फार्मासिस्ट चल रही केमिस्ट की दुकानों पर हाईकोर्ट सख्त है। इनके खिलाफ जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन हरियाणा क प्रधान को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।
हाईकोर्ट इस मामले में पहले ही हरियाणा व केंद्र सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चुका है।
मामले में याची ने दलील दी कि प्राइवेट क्लीनिक व अस्पतालों में डॉक्टर खुद दवाई रखते हैं। क्लीनिक में जो दवाएं होती हैं उसे डॉक्टर अपनी प्राथमिकता से निर्धारित करता है। याची ने कहा कि ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप ही दवाओं को वितरित करने की जिम्मेदारी दी जाए।
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क्लीनिक की 5 किलोमीटर की परिधि में यदि कोई भी केमिस्ट मौजूद है तो उक्त क्लीनिक में दवा वितरण पर रोक लगाई जाए। साथ ही सरकार को इमरजेंसी दवाओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिए जाएं ताकि इन दवाओं के अतिरिक्त और कोई दवा क्लीनिक में न रखी जा सके। ऐसे क्लीनिक को ड्रग इंस्पेक्टर की विजिट के लिए ओपन किया जाए ताकि वे इन पर लगाम रख सकें।
याची ने बताया कि नियमानुसार केवल रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट ही केमिस्ट की दुकान पर बैठ सकता है। लेकिन फार्मासिस्ट और डॉक्टर पैसा लेकर अपने लाइसेंस को किराये पर दे देते हैं और एक-एक लाइसेंस पर कई कई दुकानें चलती हैं। ऐसे में सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वे न्यूनतम योग्यता मानक तय करें और इनको पूरा करने वालों को ही दवाओं के वितरण की अनुमति दी जाए।
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