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    मनोहरलाल सरकार के लिए मुसीबत बने सांसद राजकुमार सैनी

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 31 May 2017 10:47 AM (IST)

    कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी पार्टी के लिए परेशानी बन गए हैं। वह अपने तेवरों से हरियाणा की मनाेहरलाल सरकार के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। ...और पढ़ें

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    मनोहरलाल सरकार के लिए मुसीबत बने सांसद राजकुमार सैनी

    जेएनएन, चंडीगढ़। कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी पार्टी के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। उन्‍होंने प्रदेश की मनाेहरलाल सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। जाट लैंड रोहतक में सैनी ने जिस तरह से भाजपा हाईकमान और प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला, उसे देखकर लग रहा कि सांसद अपने लिए विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार कर रहे हैं। सैनी जाट लैंड जींद में अपनी नई पार्टी का एलान कर सकते हैं।

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    कभी पूर्व मुख्‍यमंत्री चौधरी बंसीलाल के साथी रहे सांसद राजकुमार सैनी अब भाजपा की नाक में दम करते लग रहे हैं। अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें हालांकि पार्टी के कुछ सांसदों और विधायकों का भी समर्थन हासिल है। लेकिन, जिस तरह से उन्होंने पहले पिछड़ा वर्ग और अब गैर जाट वर्ग की राजनीति आरंभ की है, उसे देखकर लग रहा कि आने वाले समय में वे भाजपा को ही चुनौती देने वाले हैं।

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    भाजपा सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब राजकुमार सैनी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाले और जाटलैंड कहे जाने वाले रोहतक जिले में दहाड़ भरते देखा गया है। यहां उन्होंने ब्राह्मणों के सम्मेलन में शिरकत करने के साथ ही केंद्र व हरियाणा सरकारों पर निशाना साधे रखा।

    सैनी अभी तक सिर्फ जाटों के खिलाफ बोलते रहे हैं और पिछड़े वर्ग को लामबंद करने में जुटे रहे, लेकिन अब उन्होंने सीधे तौर पर केंद्र व राज्य सरकारों से पंगा लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि राज्य सरकार ने जाटों के सामने घुटने टेक दिए। सैनी अब केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला के प्रभाव वाले जींद जिले में हुंकार भरने की तैयारी में हैं।

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    उन्होंने 26 नवंबर को यहां रैली का एलान भी कर दिया है।जींद रैली से पहले यदि सैनी को भाजपा हाईकमान ने अपने घर से विदाई नहीं दी तो सैनी खुद यहां नई पार्टी का एलान कर सकते हैं। पूर्व विधायक रोशनलाल आर्य हालांकि उनके लिए पार्टी का जुगाड़ पहले ही कर चुके हैं। ऐसे में उनकी मंशा अगला विधानसभा चुनाव लड़कर प्रदेश की शीर्ष कुर्सी तक पहुंचने की है।