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शिक्षकों की कमी में महिला सरपंच ने ली क्लास, 90 फीसदी बच्चे हुए पास

विद्यार्थियों का भविष्य को देखते हुए सरपंच सुनीता सिहाग ने अभी से ही कक्षाएं लगानी शुरू कर दी हैं। सिहाग का कहना है कि इंग्लिश की रोजाना कक्षाएं लगाई जा रही हैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 07:32 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2017 08:30 PM (IST)
शिक्षकों की कमी में महिला सरपंच ने ली क्लास, 90 फीसदी बच्चे हुए पास
शिक्षकों की कमी में महिला सरपंच ने ली क्लास, 90 फीसदी बच्चे हुए पास

फतेहाबाद, [मुकेश खुराना]। प्रदेश भर के स्कूलों में तकरीबन 40 हजार शिक्षकों की कमी है। फतेहाबाद के गांव नागपुर का राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल में अंग्रेजी के चार शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। लेकिन शिक्षक एक भी नहीं।

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बच्चों के भविष्य को देखते हुए सरपंच सुनीता सिहाग ने उन्हें पढ़ाने का फैसला लिया। उनकी मेहनत और जज्बे की जीत हुई। सरपंच सुनीता के पढ़ाए 113 में से 72 विद्यार्थी अंग्रेजी में पास हो गए। सुनीता दो विषयों में एमए हैं। सिहाग का कहना है कि विद्यार्थियों को परीक्षा के नजदीक ही पढ़ाना शुरू किया था। अगर शुरू से पढ़ाया जाता तो इंग्लिश का परीक्षा परिणाम इससे भी बेहतर रहता।

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इस बार शुरू से दे रही है एक घंटा

विद्यार्थियों का भविष्य को देखते हुए सरपंच सुनीता सिहाग ने अभी से ही कक्षाएं लगानी शुरू कर दी हैं। सिहाग का कहना है कि इंग्लिश की रोजाना कक्षाएं लगाई जा रही हैं। सरपंच का कहना है कि स्कूल में जाकर अभी से एक घंटे की इंग्लिश की कक्षाएं लगाई जा रही हैं।

जेबीटी ने पढ़ाया मैथ, 15 में से 13 पास

स्कूल में इंग्लिश के चार पद खाली पड़े हैं। इसके इकोनॉमिक्स, फिजिक्स, मैथ तथा इतिहास पढ़ाने वाला एक भी शिक्षक नहीं है। बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों को जेबीटी ने पढ़ाया और उनकी मेहनत रंग लाई। 15 विद्यार्थियों ने मैथ की परीक्षा दी, जिसमें से 13 विद्यार्थी पास हुए हैं।

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गांव की बेटी ने पढ़ाया इकोनॉमिक्स

शिक्षकों की कमी झेल रहे राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में इक्नॉमिक्स के सभी पद खाली हैं। यहां पर गांव की बेटी वंदना मेहता ने स्कूल के विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए पढ़ाना शुरू किया। वंदना की मेहनत भी रंग लाई। इकोनॉमिक्स पढऩे वाले 60 में से 50 से ज्यादा विद्यार्थी पास हुए हैं।

शिक्षकों की मांग की है: प्रिंसिपल

स्कूल में स्टाफ की काफी कमी है। बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 60 फीसदी रहा है। सरपंच ने भी आखिरी समय में विद्यार्थियों को इंग्लिश पढ़ाई। 113 विद्यार्थियों में से इंग्लिश में 41 विद्यार्थी फेल हुए हैं। अगर सरपंच कक्षाएं न लेती तो परिणाम कम जा सकता था। स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए सरपंच के माध्यम से उच्च अधिकारियों को लिखा गया है।

- विजय कुमार, प्रिंसिपल, सीनियर सेकेंडरी स्कूल नागपुर फतेहाबाद 

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