म्यूचुअल फंड से बेहतर हैं नए यूलिप
यूलिप लचीले होने के साथ-साथ अपनी प्रकृति से परिवर्तनशील हैं। इनमें आसानी से बदलाव कर इन्हें हर ग्राहक के अनुरूप ढाला जा सकता है। ये उन तमाम वित्तीय उत्पादों से अलग हैं, जिनमें एक बार खरीदे जाने के बाद संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं होती। सालों से बीमा का मकस
यूलिप लचीले होने के साथ-साथ अपनी प्रकृति से परिवर्तनशील हैं। इनमें आसानी से बदलाव कर इन्हें हर ग्राहक के अनुरूप ढाला जा सकता है। ये उन तमाम वित्तीय उत्पादों से अलग हैं, जिनमें एक बार खरीदे जाने के बाद संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं होती।
सालों से बीमा का मकसद असमय मृत्यु के जोखिम के विरुद्ध सुरक्षा हासिल करना रहा है। परंतु बीमा योजनाएं सुरक्षा के अलावा दीर्घकालिक वित्तीय उद्देश्यों के लिए पैसा व टैक्स बचाने के लिए लाई जाती रही हैं। इसी चलन के फलस्वरूप यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) का उद्भव हुआ, जो लक्ष्य आधारित वित्तीय समाधानों की ऐसी श्रेणी है, जिससे ग्राहक को लचीलेपन के साथ-साथ सुरक्षा व निवेश के दोहरे लाभ प्राप्त होते हैं। यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस योजनाओं का संबंध शेयर बाजारों से होता है, जिनमें ग्राहकों को उनकी जोखिम क्षमताओं के मुताबिक इक्विटी या डेट की यूनिटों में निवेश का मौका मिलता है। इनमें पॉलिसीधारक को जोखिम वहन करना पड़ता है। यूलिप एक प्रकार से म्यूचुअल फंड जैसे हैं, जिनमें जीवन बीमा के साथ लचीलेपन के अतिरिक्त फायदे जुड़े होते हैं।
नए जमाने के यूलिप, सीमित शुल्क व बेहतर रिटर्न:
पहले यूलिप की कुछ सीमाएं होती थीं। मसलन, ज्यादा शुल्क, अल्प अवधि को ध्यान में रखकर की जाने वाली बिक्री तथा ग्राहकों की सक्रिय भागीदारी का अभाव वगैरह। वर्ष 2010 में बीमा नियामक इरडा ने यूलिप के बारे में नए दिशानिर्देश जारी किए थे। इनका मकसद शुल्कों में कमी के जरिये ग्राहकों के लिए बेहतर रिटर्न के अलावा दीर्घकालिक सुरक्षा व बचत के लिहाज से नए यूलिप उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित करना था।
हमारी जैसी कंपनियों ने इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए यूलिप ऑनलाइन लांच किया है, जो सबसे कम शुल्क होने की वजह से प्रतिस्पर्धी है। यह यूलिप होने के साथ-साथ म्यूचुअल फंड/ईएलएसएस उत्पाद भी है।
यूलिप अब ज्यादा प्रतिस्पर्धी,
ज्यादा लचीले:
यूलिप लचीले होने के साथ-साथ अपनी प्रकृति से परिवर्तनशील हैं। इनमें आसानी से बदलाव कर इन्हें हर ग्राहक के अनुरूप ढाला जा सकता है। ये उन तमाम वित्तीय उत्पादों से अलग हैं, जिनमें एक बार खरीदे जाने के बाद संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं होती। इनमें लचीलेपन के कितने विकल्प उपलब्ध हैं, जरा उन पर नजर डालते हैं :
बहु कोषीय विकल्प:
-आप जोखिम वहन करने की अपनी क्षमता के मुताबिक फंड का चुनाव कर सकते हैं
-ग्राहक व बाजार की आवश्यकतानुसार एक फंड से दूसरे फंड में निवेश का विकल्प। कुछ बीमा कंपनियां निश्चित बार एक फंड से दूसरे फंड में निवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लेतीं।
-फंड से आंशिक धन निकासी की सहूलियत। बीमा कंपनियां निवेशकों को फंडों के विविध विकल्प उपलब्ध कराती हैं। इनमें डेट, इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियां (जी-सेक) या मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हैं।
-प्रीमियम में वृद्धि की सुविधा, ताकि पॉलिसीधारक निर्धारित नियमित प्रीमियम के अलावा अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान कर सके।
-बीमा कवर चुनने की सुविधा
यूलिप बनाम म्यूचुअल फंड:
अंतर आप पूछेंगे कि यूलिप म्यूचुअल फंड से भला किस तरह अलग हैं, क्योंकि म्यूचुअल भी कई तरह के होते हैं मसलन, हाइब्रिड, बैलेंस्ड आदि और इनमें भी अपनी आवश्यकता व जोखिम क्षमता के अनुसार प्लान चुनने की सुविधा होती है। परंतु अंतर लचीलेपन में है, जो
यूलिप उत्पाद अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराते हैं।
कैसे काम करते हैं यूलिप:
प्रत्येक म्यूचुअल फंड एक निवेश रणनीति पर काम करता है और उससे भटकता नहीं है। जहां अधिक रिटर्न के लिए एक म्यूचुअल फंड अपने ज्यादातर कोष का निवेश इक्विटी में कर सकता है और दूसरा म्यूचुअल फंड डेट में अधिकांश कोष लगा सकता है।
वहीं यूलिप एक ही प्लान के तहत इस तरह के अनेक विकल्प उपलब्ध कराता है। यूलिप के जरिये आप एक ही वक्त में न केवल अनेक फंड में निवेश कर सकते हैं, बल्कि बगैर किसी शुल्क या जुर्माने के एक फंड की राशि से दूसरे फंड में ट्रांसफर भी कर सकते हैं। ग्राहक अपनी पसंद के फंड का चुनाव कर सकते हैं और एक फंड से दूसरे फंड में निवेश कर सकते हैं।
इस प्रकार यूलिप में एक तरह से ग्राहकों को अपने निवेश की रणनीति खुद तय करने का अधिकार मिलता है। यदि भविष्य में ग्राहक अपने जोखिम में कमी-बेशी करना चाहता है तो वह इक्विटी से डेट या डेट से इक्विटी आधारित फंड में निवेश को स्थानांतरित कर सकता है।
यूलिप की सबसे बड़ी खूबी इसका लचीलापन है। इस उत्पाद की प्रकृति ऐसी है कि जहां एक तरफ इसमें जोखिम घटक है, वहीं दूसरी तरफ आपके निवेश को बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा भी मिलती है। एक फंड से दूसरे फंड में निवेश सुविधा का फायदा उठाकर जानकार निवेशक शेयर बाजार में भावों व डेट बाजार में ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर पैसा बना सकते हैं।
संजय त्रिपाठी,
सीनियर ईवीपी-मार्केटिंग,
प्रोडक्ट्स, डिजिटल एंड ई-कॉमर्स
एचडीएफसी लाइफ
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।