क्या पाक सरकार दिलीप कुमार के घर को घोषित करेगी राष्ट्रीय धरोहर?
पेशावर की एक कोर्ट ने पुरातत्व विभाग से पूछा है कि क्या सरकार दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना चाहती है?
इस्लामाबाद। पेशावर की एक कोर्ट ने पुरातत्व विभाग से पूछा है कि क्या सरकार दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना चाहती है?
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कोर्ट ने पुरातत्व विभाग को ये बताने का निर्देश दिया है कि सरकार दिलीप कुमार के घर को अपने कब्जे में लेने और इसे राष्ट्रीय धरोहर में तब्दील करने में दिलचस्पी रखती है या नहीं। मकान के मालिक हाजी लाल मोहम्मद खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया है।
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हाजी लाल के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि इस संपत्ति के बारे में बहुत गलत सूचनाएं हैं। उन्होंने बताया, 'यह घर गुलाम मोहियुद्दीन के नाम पर था, जिन्होंने इसे 26 जनवरी 1943 को गुलाम सरवार के नाम ट्रांसफर किया जो भारतीय फिल्म कलाकार दिलीप कुमार (युसूफ खान) के पिता थे।'
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दावा किया जाता है कि दिलीप कुमार ने इस घर में अपना बचपन बिताया है। शहनवाज ने कहा कि ये उन दावों के उलट है कि दिलीप का जन्म 1922 में हुआ था और उनके पिता ने 1943 में ये घर खरीदा था। उन्होंने कहा कि इस घर को दीलीप कुमार का पैतृक घर नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि उनके पिता ने इसे खरीदने के तीन दिनों के अंदर ही इसे बेच दिया था।
2012 में तत्कालीन सरकार ने इस घर का अधिग्रहण करने का नोटिफिकेशन जारी किया था लेकिन याचिका की वजह से ऑफर को रद्द कर दिया गया।