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विधानसभा चुनाव: पहले चरण के 839 प्रत्याशियों में 17 फीसद गंभीर अपराधी

भाजपा, सपा, बसपा और रालोद ने भी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट दिया है। पांच प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जिन पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है जबकि 15 हत्या में आरोपित हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sun, 05 Feb 2017 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 10 Feb 2017 09:54 PM (IST)
विधानसभा चुनाव: पहले चरण के 839 प्रत्याशियों में 17 फीसद गंभीर अपराधी
विधानसभा चुनाव: पहले चरण के 839 प्रत्याशियों में 17 फीसद गंभीर अपराधी

लखनऊ (जेएनएन)। राजनीतिक दल दागी और आपराधिक पृष्ठभूमि वालों से दूरी की बातें चाहे जितनी करते रहे हों, मगर विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के समय इस ओर से आंखे मूंद ली। पहले चरण की 73 सीटों लिए भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों में से 20 फीसद पर मुकदमे दर्ज होने से यह बात साफ है। भाजपा, सपा, बसपा और रालोद ने भी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट देने में दरियादिली दिखाई है। पांच प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जिन परदुष्कर्म का मामला दर्ज है जबकि 15 हत्या में आरोपित हैं।

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राजनीति में शुचिता की पक्षधरता वाली भारतीय जनता पार्टी हो, अपराधियों को टिकट पर परिवार में रार ठानने का संदेश देने वाले अखिलेश यादव हों या अपराधियों के यूपी छोडऩे का एलान करने वालीं मायावती, हर किसी ने दागियों को बेहिचक टिकट दिया है। शनिवार को एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिर्फाम्स (एडीआर) व उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने पहले चरण की 73 सीटों के 839 प्रत्याशियों में से 836 के हलफनामों का ब्यौरा जारी किया है।देखें फोटो : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तैयारी
इसमें खुलासा हुआ कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 73 प्रत्याशियों में से 26 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ये ऐसे अपराध हैं, जिनमें पांच साल या उससे ऊपर सजा हो सकती है। भाजपा ने 30 दागियों को टिकट दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 73 प्रत्याशियों में 26 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन प्रत्याशियों के भी अपराध ऐसे हैं जिनमें पांच साल अथवा उससे ऊपर सजा हो सकती है। बसपा का औसत 36 फीसद के करीब है।

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गंभीर अपराधों से घिरे लोगों को टिकट देने में सपा भी पीछे नहीं है। उसके 51 प्रत्याशियों में से 13 के खिलाफ गंभीर किस्म के अपराधों के मुकदमे हैं। रालोद के 19 प्रत्याशियों और कांग्रेस के 24 में से छह प्रत्याशियों के खिलाफ भी आपराधिक मुकदमे दर्ज हैैं। पहले चरण के 26 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां अधिकतम छह-छह और न्यूनतम तीन-तीन प्रत्याशी अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। इन्हें 'दागीÓ बहुल निर्वाचन क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है। एडीआर के प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया कि पहले चरण के प्रत्याशियों में 14 फीसद प्रत्याशियों की संपत्ति पांच करोड़ के ऊपर है जबकि 12 फीसद लोगों की आय दो से पांच करोड़ तक है।

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करोड़पति प्रत्याशी
बसपा के 73 प्रत्याशियों में से 66 करोड़पति हैं। भाजपा के 73 में से 61 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सपा के 51 में 40 प्रत्याशी करोड़पति है। कांंग्रेस के 24 में से 18 और रालोद के 57 में से 41 प्रत्याशी करोड़पति हैं। एडीआर के आंकड़े कहते हैं कि 836 में से 302 प्रत्याशी करोड़पति हैैं। इनमें से 432 प्रत्याशी ऐसे भी हैैं जिन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। ऐसे लोगों का औसत 50 फीसद से ऊपर है।

98 राजनीतिक दलों के प्रत्याशी
एडीआर व इलेक्शन वॉच के संजय सिंह ने बताया कि 73 विधानसभा सीट के लिए 839 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है, जो 98 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन क्षेत्रों के लिए पांच राष्ट्रीय, 8 क्षेत्रीय और 85 गैर मान्यता प्राप्त दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 293 निर्दल प्रत्याशी भी मैदान में हैं।

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