रेप के दौरान मुंह में ठूंस दिया था लोहे का पाइप
निर्भया कांड की तरह 11वीं कक्षा की छात्रा ने अपने साथ हुए रेप का विरोध किया, तो दरिंदे ने लड़की के मुंह में लोहे का पाइप डालकर उसे चुप करा दिया।
नई दिल्ली। 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया कांड के तकरीबन दो महीने के बाद लाजपतनगर इलाके में भी एक लड़की दरिंदगी की शिकार हुई थी। 11वीं कक्षा की छात्रा ने अपने साथ हुए रेप का विरोध किया तो दरिंदे ने लड़की के मुंह में लोहे का पाइप डालकर उसे चुप करा दिया।
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इस लड़की के साथ गुजरी दरिंदगी की दास्तान निर्भया कांड के शोर में दब गई थी। कुछ दिन पहले दिल्ली की कोर्ट ने दोषी को इस मामले में आठ साल कैद की कड़ी सजा सुनाई है।
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दोनों मामलों में काफी समानता
निर्भया कांड और इस लड़की के साथ हुई घटना में काफी समानता है। हालांकि, दोनों घटनाओं में मात्र दो महीने का ही अंतर है, लेकिन निर्भया कांड 2012 की घटना है जबकि यह घटना 4 फरवरी, 2013 की है। दोनों ही मामलों में लड़कियों ने अपनी अस्मत को लुटने से बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी।
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दोस्ती से इन्कार पर बन गया हैवान
आरोपी देवराज घरों से बिजली बिल इकट्ठा करने का काम करता था। वह बिजली बिल इकट्ठा करने के क्रम में कई बार लड़की के घर जा चुका था। देवराज की नजर लड़की पर पड़ी तो वह उस पर मर-मिटा। इसके बाद उसने लड़की को दोस्ती का ऑफर दिया, लेकिन लड़की ने इससे साफ इन्कार कर दिया।
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घर पर छात्रा को अकेली देख डोली नीयत
देवराज ने बिजली बिल इकट्ठा करने के दौरान यह भांप लिया था कि लड़की घर पर अकेली है और परिवार के सभी सदस्य घर से बाहर गए हुए हैं। इस बीच मौका पर उसने लड़की से रेप की कोशिश की।
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रेप का विरोध पर बना हैवान
देवराज ने घर में घुसते ही लड़की को सहमति से संबंध बनाने के लिए कहा। लड़की ने भड़कते हुए इसका विरोध किया। इस पर देवराज हैवानियत पर उतर आया। रेप की कोशिश के दौरान विरोध करने पर देवराज ने लड़की की गरदन पकड़ ली। इसके बाद उसके मुंह में लोहे का पाइप डाल दिया। बाद में अस्पताल में पता चला कि गले में कई जगह जख्म हो गए थे।
लोहे के पाइप से लड़की की जा सकती थी जान
कोर्ट ने पीड़ित लड़की के वकील के तर्क को जायज ठहराया कि लोहे का पाइप जानलेवा हथियार साबित हो सकता था। इससे लड़की के शरीर के कई अंदरूनी अंग भी खराब हो सकते थे। जांच में यह भी पाया गया कि युवक ने ज्यादती की कोशिश के दौरान लड़की के शरीर पर कई जगह जख्म किया था।
पीड़िता नौंवी कक्षा की छात्रा
लड़की लाजपत नगर इलाके में अपने परिवार के साथ रहती है। घटना के समय वह मात्र 19 साल की थी और 11 वीं कक्षा में पढ़ती थी। 4 फरवरी, 2013 को घटना के दिन लड़की अपने घर पर थी। शाम 8.15 बजे देवराज घर पर बिजली का बिल लेने के लिए आया।
पड़ोसी घायल लड़की को ले गए थे AIIMS
हादसे की सूचना पर लड़की के पड़ोसियों ने सक्रियता दिखाई। उन्होंने तत्काल इस घटना की जानकारी पीड़ित लड़की के मां-बाप की दी। इसके बाद खुद उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) लेकर गए। अस्पताल ले जाने से पहले ही लड़की बेहोश हो गई थी। इसके अलावा गल से काफी खून भी बह रहा था।
पड़ोसियों की गवाही ने दिया लड़की को इंसाफ
पूरे मामले में लड़की को पड़ोसियों की भूमिका सकारात्मक रही। सबसे पहले उन्होंने लड़की की मददकर उसकी जान बचाई इसके बाद कोर्ट में निडर भाव से आरोपी युवक देवराज के खिलाफ गवाही दी।
कोर्ट ने दी आठ साल कैद की सजा
दिल्ली की कोर्ट ने नौंवी की छात्रा के साथ हुई दरिंदगी को बर्बर मामला मानते हुए आठ साल जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा सुनाने के दौरान कहा कि अगर सही समय पर पीड़त लड़की को इलाज नहीं उपलब्ध कराया जाता, तो उसकी जान भी जा सकती थी।