Move to Jagran APP

...ताकि बचा सकें जिंदगी, 'भगवान का ही रूप है इंसान'

जसमीत बताते हैं, इंसान भी भगवान का ही रूप है, इसलिए हमें संकट के समय लोगों की जिंदगी बचाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 29 Jul 2017 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 08:41 PM (IST)
...ताकि बचा सकें जिंदगी, 'भगवान का ही रूप है इंसान'
...ताकि बचा सकें जिंदगी, 'भगवान का ही रूप है इंसान'

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। समाज में इतनी असंवेदनशीलता आ गई है कि लोग अपनों की जान लेने से भी गुरेज नहीं करते हैं। ऐसे में कोई इंसान जो अपनी जान को दांव पर लगाकर संकट के समय मसीहा बन जाए सच में काबिले तारीफ है। टैगोर गार्डन में रहने वाले जसमीत सिंह मलहोत्रा को उनके इसी नेक काम के लिए अभी हाल ही में लाइफ सेवर अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

loksabha election banner

वाकया उस समय का है जब जसमीत सिंह मलहोत्रा परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियों में ऋषिकेश गए थे। वहां परिवार के साथ राफ्टिंग कर रहे थे। इसी दौरान दो युवा पानी में किसी तरह की प्रतियोगिता कर रहे थे। देखते ही देखते दोनों पानी में डूबने लगे। आसपास के सभी लोग इसे देख रहे थे पर कोई उन्हें बचाने के लिए आगे नहीं बढ़ा।

तैरना नहीं जानते थे जसमीत 

जसमीत को तैरना नहीं आता था। इसके बावजूद वह अपनी जान को दांव पर लगाकर पानी में कूद गए। अपनी सूझ-बूझ से रस्सी के सहारे लड़कों को बाहर निकाल लिया। दोनों के पेट में पानी भर गया था जिसे छाती पर दबाव डालकर बाहर निकाला। दोनों लड़कों के परिजनों ने शुक्रिया अदा करते हुए उन्हें भगवान बता दिया। उस दिन से लोगों की मदद करना उनकी आदत बन गई। वह इंटरनेट के माध्यम से घायलों को तत्काल कैसे बचाया जाए के बारे में जानकारी जुटा कर दोस्तों के साथ भी साझा करने लगे।

दूसरे लोगों को भी प्रेरित करते हैं

अभी हाल ही में जनकपुरी स्थित एक नामी अस्पताल में आयोजित लाइफ सेवर कार्यक्रम में उन्हें लाइफ सेवर सम्मान से नवाजा गया। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने अनुभव साझा करने के साथ ही इमरजेंसी में किसी को बचाने के लिए कुछ तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी। फिलहाल वह कई संस्थाओं से जुड़कर घायलों की मदद कर रहे हैं व मदद के लिए दूसरे लोगों को भी प्रेरित करते हैं।

इंसान भी भगवान का ही रूप है

जसमीत बताते हैं, इंसान भी भगवान का ही रूप है, इसलिए हमें संकट के समय लोगों की जिंदगी बचाने के लिए तैयार रहना चाहिए। मैं अक्सर टीवी पर इस तरह की चीजों को देखकर सीखने का प्रयास करता था। लेकिन अस्पताल में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान मुझमें लोगों की जान बचाने का आत्मविश्वास जागा। मेरा लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को इस कार्य में शामिल करना है, ताकि मदद के अभाव में किसी की जान न जाए। 

यह भी पढ़ें: ...इस कानून पर अमल होता तो नदियों की स्थिति खराब न होती

यह भी पढ़ें: जानें किसने कहा, कम आंकने वाले मुगालते में न रहें, बड़ी ताकत बन चुका है भारत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.