मेट्रो किराए पर कांग्रेस ने केंद्र और दिल्ली सरकार को घेरा, बोले- कोर्ट क्यों नहीं गए सीएम
माकन ने कहा कि किराए बढ़ोतरी पर राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर कोर्ट क्यों नहीं गए, जबकि व्यक्तिगत लड़ाई के लिए वकील को लाखों रुपए देते हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली मेट्रो किराए में बढ़ोतरी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पहले दिल्ली वालों ने विरोध किया तो अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजय माकन ने केंद्र और राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
कोर्ट क्यों नहीं गए केजरीवाल
माकन ने कहा कि किराए बढ़ोतरी पर राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर कोर्ट क्यों नहीं गए, जबकि व्यक्तिगत लड़ाई के लिए वकील को लाखों रुपए देते हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई मेट्रो का किराया जब बढ़ा तो वहां की सरकार कोर्ट गई, जहां जनता को राहत मिली। ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को यह कदम उठाने में क्या परेशानी थी। उन्होंने मेट्रो किराए बढ़ोतरी पर दिल्ली और केंद्र सरकार पर लोगों को गुमराह करने से आरोप लगाया।
माकन ने दिखाई रिपोर्ट
माकन ने इस मौके पर एक रिपोर्ट भी दिखाई जिसके मुताबिक 8 सितम्बर 2016 से दिल्ली सरकार को किराए बढ़ोतरी की जानकारी थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हर साल जनवरी महीने में मेट्रो किराए में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। केजरीवाल सरकार यदि सालाना 7 प्रतिशत की सब्सिडी देती है तो दिल्ली मेट्रो यात्रियों को हर साल किराए बढ़ोतरी से राहत मिलेगी।
कोर्ट जाएगी कांग्रेस पार्टी
माकन ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया। माकन ने कहा कि पुरी कहते हैं कि केजरीवाल की सरकार सब्सिडी देकर लोगों को राहत दे। लेकिन वह भूल गए कि नियम के मुताबिक घाटे की भरपाई 50-50 प्रतिशत केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर करे। ऐसे में 750 करोड़ की सालाना सब्सिडी दिल्ली मेट्रो को दी जाए तो इससे यात्रियों को किराए बढ़ोतरी से राहत मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यदि कोर्ट नहीं जाती है तो कांग्रेस पार्टी कोर्ट जाएगी।
ज्ञात हो कि दिल्ली मेट्रो किराए में बढ़ोतरी से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। किराया बढ़ाने वाली कमेटी की रिपोर्ट में हर साल 7 प्रतिशत किराए बढ़ोतरी की बात कही गई है।
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