'आप' ने की करोड़ों की हेराफेरी, छुपाया चंदा, गले पड़ा आयकर का फंदा
'आप' को वर्ष 2015-16 में कुल 68.44 करोड़ रुपये चंदा मिला, लेकिन पार्टी ने इसमें से 30.06 करोड़ रुपये न तो अपने बही-खाते व वेबसाइट पर दिखाए और न ही चुनाव आयोग को बताया।
नई दिल्ली [हरिकिशन शर्मा]। आम आदमी पार्टी (आप) भले ही ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति का दंभ भरती हो, लेकिन आयकर विभाग ने उसकी कथनी-करनी के अंतर का भंडाफोड़ किया है। आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि 'आप' ने करोड़ों रुपये के चंदे की हेराफेरी की है।
'आप' ने उसके बैंक खाते में आए करोड़ों रुपये के चंदे को न सिर्फ जनता से बल्कि चुनाव आयोग से भी छुपाया है। साथ ही पार्टी ने हवाला कारोबारियों से भी दो करोड़ रुपये लेने में गुरेज नहीं किया। 'आप' के इन कारनामों से पर्दा उठाते हुए आयकर विभाग ने अब पार्टी को 30 करोड़ रुपये टैक्स का नोटिस जारी किया है। साथ ही पार्टी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी शुरू की है। पार्टी पर टैक्स के साथ-साथ 300 प्रतिशत तक पेनाल्टी भी लग सकती है।
आयकर विभाग ने यह नोटिस 23 नवंबर को जारी किया है। विभाग अब चुनाव आयोग के पास रिपोर्ट भेजेगा ताकि आयोग इस मामले में जरूरी कार्रवाई कर सके। 'आप' के चंदे में धांधली का यह मामला आकलन वर्ष 2015-16 (वित्त वर्ष 2014-15) से संबंधित है।
पार्टी की आय
आयकर विभाग के मुताबिक, 'आप' को वर्ष 2015-16 में कुल 68.44 करोड़ रुपये चंदा मिला, लेकिन पार्टी ने इसमें से 30.06 करोड़ रुपये न तो अपने बही-खाते व वेबसाइट पर दिखाए और न ही चुनाव आयोग को बताया। इसे कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए आयकर विभाग ने 'आप' को मिले पूरे चंदे को पार्टी की आय मानते हुए उस पर आयकर देने को कहा है।
दरअसल, जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत दलों को 20,000 रुपये से अधिक राशि के चंदे का स्रोतवार ब्योरा चुनाव आयोग को देना होता है। 'आप' ने दो बार आयोग को चंदे की रिपोर्ट भेजी, लेकिन पूरी रकम का खुलासा नहीं किया।
हवाला कारोबारी से भी लिए थे दो करोड़ रुपये
सूत्रों के मुताबिक, 'आप' ने 30 सितंबर 2015 को चुनाव आयोग को चंदे की रिपोर्ट दी तो सिर्फ 35.30 करोड़ रुपये चंदा मिलने की बात कही जबकि पार्टी ने 29.13 करोड़ रुपये का चंदा छुपाया। इसी तरह 'आप' ने जब पुन: चुनाव आयोग के पास अपने चंदे की संशोधित रिपोर्ट भेजी तो सिर्फ 37.60 करोड़ रुपये चंदा दिखाया और 30.06 करोड़ रुपये चंदे की राशि छुपाई। इतना ही नहीं, पार्टी ने हवाला कारोबारियों से मिली दो करोड़ रुपये की राशि का जिक्र भी नहीं किया। बैंक खाते में आने के बावजूद पार्टी ने यह रकम छुपाई।
चुनाव आयोग को पूरी जानकारी देना जरूरी
दरअसल, पंजीकृत दलों को आयकर कानून की धारा 13ए के तहत आयकर से छूट प्राप्त है। लेकिन, चुनाव आयोग के पास आय की पूरी जानकारी देना जरूरी है। वरना आयकर विभाग इस छूट को वापस ले सकता है। 'आप' ने इसी धारा का हवाला देते हुए आकलन वर्ष 2015-16 में अपनी आमदनी शून्य दिखाते हुए रिटर्न दाखिल किया। आयकर विभाग ने जब 'आप' के रिटर्न, बैंक खाते और आयोग को भेजी चंदा रिपोर्ट खंगाली तो धांधली का खुलासा हुआ।
कांग्रेस और जनता पार्टी पर भी हो चुकी है कार्रवाई
यह पहला मौका नहीं है जब धारा 13ए के तहत किसी राजनीतिक दल को मिल रही टैक्स छूट खत्म हुई है। इससे पहले कांग्रेस और जनता पार्टी पर भी विभाग यह कार्रवाई कर चुका है। विभाग ने 'आप' को टैक्स का नोटिस भेजने से पहले 550 दिन चली कार्रवाई के दौरान पक्ष रखने के 34 मौके दिए। लेकिन, पार्टी ने उलटे उस आयकर अधिकारी के खिलाफ ही आरटीआइ दाखिल कर दी जिसने पार्टी को नोटिस भेजा था।
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आप ने ऐसे छुपाया चंदा
1. 'आप' को कुल चंदा मिला: 68.44 करोड़ रुपये
2. बैंक खाते में आया: 67.66 करोड़ रुपये
3. बही-खाते दिखाया: 54.50 करोड़ रुपये
4. वेबसाइट पर दर्शाया: 27.48 करोड़ रुपये
5. चुनाव आयोग को बताया: 35.30 करोड़ रुपये
6. पुन: चुनाव आयोग को बताया: 37.60 करोड़ रुपये
7. इस तरह चुनाव आयोग से छुपाया 30.06 करोड़ रुपये चंदा