दिल्ली: ज्वैलरी शोरूम में 70 लाख लूट की इनसाइड स्टोरी, एक गलती पड़ी भारी
सफेद बाइक की तलाश में पुलिस टीम जब अमरोहा पहुंची तो पता चला कि उसका नंबर प्लेट नकली है और वह नंबर दूसरी बाइक का है।
नई दिल्ली [जेेएनएन]। दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में 15 जून को ज्वैलरी के शोरूम में 70 लाख की हुई डकैती मामले के आरोपियो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी पहचान बिजनौर निवासी अजीम (26) एवं दिलशाद मोहम्मद (26) और अमरोहा निवासी सौरभ वर्मा (ज्वैलर) के रूप में हुई है।
मास्टरमाइंड शमशाद (बिजनौर) समेत पांच आरोपी आबिद, शब्बू, रिजवान और राशिद अब भी फरार हैं। शमशाद वर्तमान में मालवीय नगर के हौजरानी में रहता है। उनके कमरे से दो पिस्टल, छह कारतूस, चाकू और पांच हेलमेट के अलावा लूटे गए 35 तोले गहने भी बरामद हुए हैं। इनमे कुछ हीरे के भी गहने थे।
दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी ईश्वर सिंह ने बताया कि इस वारदात के बाद पहुंची पुलिस और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम ने घटनास्थल से आठ फिंगर प्रिंट लिए, जिसे जांच के लिए दिल्ली और लखनऊ की लैब में भेजा गया है। साथ ही अतिरिक्त उपायुक्त मनीषी चंद्रा के नेतृत्व में टीम को जांच मे लगाया गया है, जो दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जांच कर रही है।
चकमा देने के लिए बदला नंबर
डीसीपी ने बताया कि घटनास्थल से दो किलोमीटर तक के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर पता चला कि बदमाश नीले और सफेद रंग की अपाचे बाइक से आए थे। सफेद बाइक की तलाश में टीम जब अमरोहा पहुंची तो पता चला कि उसका नंबर प्लेट नकली है और वह नंबर दूसरी बाइक का है। वहीं, सोमवार शाम को सूचना मिली कि नीले रंग की बाइक जामिया नगर की एक पार्किंग में खड़ी है। इसके बाद एक टीम को बाइक पर नजर रखने के लिए लगाया गया।
ऐसे धरा गया पहला आरोपी
मंगलवार सुबह करीब सात बजे एक युवक आया और बाइक की सफाई करने के बाद उसे स्टार्ट करने लगा। इसी दौरान टीम ने उसे दबोच लिया, जिसकी पहचान अजीम के रूप में हुई। साथ ही उसने डकैती में शामिल होने की बात कबूल करते हुए बताया कि उसके दो साथी शाहीन बाग गली नंबर-6 में मौजूद हैं। टीम अजीम को लेकर वहां पहुंची और दिलशाद मोहम्मद एवं सौरभ वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
यह भी पढ़ें: जानें, आखिर क्या चाहते हैं दुष्कर्म का दंश झेलने वाली नाबालिगों के परिजन
शमशाद ने रेकी की थी
उधर, बदमाशों ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले शमशाद ने रेकी की थी। इसके बाद उसने अपने गांव के रहने वाले आबिद से संपर्क किया, जो बिजनौर में लूटपाट करता था। आबिद के कहने पर अजीम, दिलशाद, रिजवान और शब्बू इस साजिश का हिस्सा बन गए। साथ ही उन लोगों ने इसमें उनसे लूट के गहने खरीदने वाले सौरभ को भी शामिल कर लिया।
बदमाशों ने दक्षिण-पूर्व जैतपुर निवासी (मूल निवासी मुजफ्फरनगर) राशिद के जरिये हथियार जुटाए। वहीं, दिलशाद और आबिद ने एक-एक अपाचे बाइक चोरी की। वारदात के दिन सफेद बाइक पर आबिद, शब्बू और रिजवान थे, जबकि नीले रंग की बाइक पर दिलशाद और अजीम थे।
कमरा छोड़कर भागने की तैयारी
लूटपाट करने के बाद वे सावित्री रिंग रोड से फ्लाईओवर पहुंचे थे और वहां से यू-टर्न लेकर जामिया नगर चले गए थे। वहां से कपड़े बदलने के बाद सभी टैक्सी से अमरोहा गए और सौरभ को सारे गहने बेच दिए, जिसने बदमाशों को बताया था कि गहने पर लगे कीमती पत्थर असली नहीं हैं। सौरभ उन्हीं पत्थरों को बेचने के लिए कुछ दिन पहले दिल्ली आया था। ईद मनाने के बाद दिलशाद और अजीम सोमवार को वापस दिल्ली आए और कमरा छोड़कर भागने की तैयारी कर रहे थे।
यह भी पढ़ें: मुंह बोले मामा ने बनाया हवस का शिकार, किशोरी को देता था दवाई
यह भी पढ़ें: शादी से मना करने पर भड़की प्रेमिका, काट डाला प्रेमी का गुप्तांग