निगम चुनाव में मिली हार के बाद मजबूत हुए माकन, बागियों पर होगी कार्रवाई
हाईकमान से मिले भरोसे के बाद माकन भी हार का गम भुलाकर पार्टी को मजबूत करने में लग गए हैं। बगावत करने वाले नेताओं से नाराज आलाकमान अब कार्रवाई करने का मन बना रहा है।

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। नगर निगम चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी हाईकमान द्वारा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन का इस्तीफा न लेने से उनकी स्थिति और मजबूत हुई है। पार्टी ने माकन को दिल्ली में संगठन को मजबूत करने के लिए पूरी छूट दे दी है।
अब हाईकमान से मिले भरोसे के बाद माकन भी हार का गम भुलाकर पार्टी को मजबूत करने में लग गए हैं। नगर निगम चुनाव में पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले नेताओं से नाराज आलाकमान अब उनके खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रहा है। ऐसा कर वह कार्यकर्ताओं को संदेश देना चाहता है कि पार्टी में अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के समर्थकों के बीच गुटबाजी कोई नई बात नहीं है, लेकिन नगर निगम चुनाव में यह सतह पर आ गई थी। दिल्ली के कई बड़े नेताओं ने खुलकर प्रदेश नेतृत्व के साथ ही राष्ट्रीय नेतृत्व पर भी हमला बोलना शुरू कर दिया था, जिससे पार्टी को नुकसान भी उठाना पड़ा। इनमें से कई ने पार्टी छोड़ दी है।
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चुनाव के पहले बड़े नेताओं के बागी सुर से न सिर्फ चुनाव प्रचार में लगे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा बल्कि मतदाताओं के बीच भी पार्टी की नकारात्मक छवि बनी। इससे पार्टी को नुकसान पहुंचा और वह तीसरे नंबर पर पहुंच गई।
हार की जिम्मेदारी लेते हुए माकन के साथ ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने भी इस्तीफा पार्टी आलाकमान को सौंप दिया था, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे अस्वीकार कर दिया है। बताते हैं कि उन्होंने इन दोनों नेताओं को दिल्ली में पार्टी के हित में हर जरूरी कदम उठाने का अधिकार दे दिया है। उन्हें लगता है कि दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन सुधर रहा है।
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पिछले विधानसभा चुनाव में मिले नौ फीसद मतों की तुलना में इस बार पार्टी को लगभग 22 फीसद मत मिले हैं। आलाकमान का भी मानना है कि यदि पार्टी में अनुशासन बना रहता तो निगम चुनाव में कांग्रेस का मत फीसद और बढ़ता। बागियों की वजह से कांग्रेस को मिलने वाला भाजपा विरोधी मतों का बड़ा हिस्सा आम आदमी पार्टी के पास चला गया। इससे कांग्रेस मात्र 30 सीटें जीत सकी है।
भविष्य में पार्टी को अपनों से नुकसान नहीं उठाना पड़े, इसके लिए अनुशासनहीनता से किसी तरह का समझौता नहीं करने का फैसला किया गया है, इसलिए निगम चुनाव के सभी प्रत्याशियों को अगले दो दिनों में पार्टी विरोधी काम करने वाले शिकायत प्रदेश अनुशासन समिति से करने को कहा गया है। वहीं, माकन ने प्रत्याशियों, जिला अध्यक्षों और विधानसभा पर्यवेक्षकों के साथ बैठक कर हार की समीक्षा की।

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