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नेहरा को अधिक टेस्ट मैच न खेल पाने का पछतावा

दबाव भरे हालात से निपटने में महेंद्र सिंह धौनी को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तान बताते हुए अनुभवी तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को इस बात का पछतावा है कि वह इस कप्तान द्वारा 2009 में टेस्ट वापसी के सवाल का सकारात्मक जवाब नहीं दे सके। इससे उन्हें 17 से ज्यादा टेस्ट मैच

By ShivamEdited By: Published: Mon, 18 Apr 2016 09:43 PM (IST)Updated: Mon, 18 Apr 2016 09:46 PM (IST)

नई दिल्ली, प्रेट्र। दबाव भरे हालात से निपटने में महेंद्र सिंह धौनी को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तान बताते हुए अनुभवी तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को इस बात का पछतावा है कि वह इस कप्तान द्वारा 2009 में टेस्ट वापसी के सवाल का सकारात्मक जवाब नहीं दे सके। इससे उन्हें 17 से ज्यादा टेस्ट मैच खेलने में मदद मिल सकती थी। जल्द ही 37 वर्ष के होने वाले नेहरा ने छोटे प्रारूप में काफी शानदार वापसी की और टी-20 विश्व कप में उनके बेहतरीन प्रदर्शन से वह 'टीम ऑफ टूर्नामेंट' में अपना चयन कराने में सफल रहे।

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नेहरा ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, 'मुहम्मद अजहरुद्दीन (1999 में) के अंतर्गत मेरे आगाज के बाद से मैं कई कप्तानों के साथ खेला, लेकिन जब 'कूल' और दबाव में प्रदर्शन करने की बात आती है तो धौनी सर्वश्रेष्ठ हैं। मैंने कोई ऐसा नहीं देखा जो दबाव में इतना कूल रहता हो।'

उन्होंने कहा, '2009 में धौनी और तब कोच गैरी क‌र्स्टन ने मुझसे पूछा कि क्या मैं टेस्ट में वापसी करना चाहूंगा? मैं तब 30 या 31 वर्ष का था और मुझे सकारात्मक जवाब देना चाहिए था, लेकिन मैं निश्चित नहीं था। जब मैं अब पलटकर देखता हूं तो यह दो साल पहले की बात है। अब 35 साल की उम्र में मैंने छह हफ्तों में छह चार दिवसीय मैच खेले। इसलिए जब मैं पलटकर देखता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे 17 टेस्ट मैच से ज्यादा खेलने चाहिए थे।'

नेहरा धौनी और सौरव गांगुली की कप्तानी में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुके हैं, इनके बीच तुलना के सवाल पर इस तेज गेंदबाज ने कहा, 'जब हम सौरव की कप्तानी में खेले तो मैं, युवराज, वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान बहुत युवा थे। सौरव की इच्छा हमारे लिए आदेश होती थी क्योंकि उनके पास हमसे ज्यादा अनुभव था। अगर दादा ने कहा कि कुछ करने की जरूरत है तो हम जानते थे कि इसे पूरा होना ही था। जब मैंने 2009 में धौनी की कप्तानी में वापसी की तो मैं और अधिक परिपक्व था और मैं अपनी गेंदबाजी के बारे में ज्यादा जानने लगा था। इसलिए धौनी की कप्तानी का अनुभव काफी लुत्फ उठाने वाला रहा।'

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