निवेश के दौरान रखा इन बातों का ख्याल तो कभी नहीं होगी पैसों की कमी
निवेश के दौरान विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, लेकिन अक्सर लोग इन्हें नजरंदाज करते है जो कि बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता
नई दिल्ली। आमतौर पर लोग भविष्य के लिहाज से निवेश करते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर पैसों की किल्लत न हो और जिंदगी आराम से कटती रहे। हालांकि मौजूदा समय में बढ़ते खर्चों और सीमित आमदनी के कारण हर किसी के लिए ऐसा करना आसान नहीं होता है। मगर विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर ठीक प्रकार से निवेश किया जाए तो यह भी मुश्किल नहीं है। इसीलिए हर किसी को अपनी वित्तीय योजनाएं इस तरह से तैयार करनी चाहिए ताकि आपके निवेश की गाड़ी कभी भी पटरी से न उतरे।
सामान्यतया: लोग बच्चों की पढ़ाई से लेकर खुद के रिटायरमेंट के लिहाज से इन्वेस्टमेंट प्लानिंग करते हैं और कुछ वर्षों तक इस निवेश पर कई साल तक अमल करते हैं। लेकिन कुछ लोगों की ओर से अनजाने में या कभी जानबूझ कर एसी गलतियां भी हो जाती हैं कि उनकी मौजूदा जरूरतें तो पूरी हो जाती हैं, लेकिन उनकी सारी पूरी फ्यूचर प्लानिंग बेकार हो जाती है। हम आपको अपनी खबर के माध्यम से उन विशेष सावधानियों के बारे में बताएंगे जो आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को सिक्योर बना सकती हैं।
जरूरत के मुताबिक ही कर्ज लें:
क्रेडिट कार्ड, ईएमआई, होम लोन और कार लोन जैसी सुविधाओं के कारण महंगे खर्च भी हमारे लिए आसान हो चुके हैं। यानी आप लाखों के घर से लेकर कुछ हजार का मोबाइल फोन तक किश्तों (ईएमआई) पर ले सकते हैं। वहीं क्रेडिट कार्ड हाथ में है तो आप 100 रुपए का खर्च भी उधार लेकर कर सकते हैं। हालांकि लोग इस उधारी के दौरान सोचते नहीं है कि आखिर इस कर्ज को चुकाया कैसे जाएगा। इसी वजह से यह कर्ज लोगों के लिए मुश्किल बन जाता है। इसलिए कर्ज लेने की क्षमता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। मान लीजिए अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपए है और आप 25 से 30 हजार रुपए सिर्फ ईएमआई पर खर्च कर रहे हैं तो यह एक बेहतर तरीका नहीं है, क्योंकि इस स्थिति में बचत के रूप में आपके पास कुछ भी नहीं बचेगा।
रिटायरमेंट का पैसा बुढ़ापे के लिए ही बचाकर रखे:
कोई भी व्यक्ति जीवनभर काम नहीं कर सकता है। सरकारी नौकरी में भी आप 60 साल तक नौकरी कर पाते हैं। रही बात अगर प्राइवेट नौकरी की तो आप इसमें 5 या 10 साल और अपनी सेवाएं दे सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य समस्याएं और ढ़लती उम्र एक सीमा के बाद आपको काम करने लायक नहीं छोड़ती, इसी को देखते हुए लोग बुढ़ापे का निवेश करते हैं यानी रिटायरमेंट प्लान लेते हैं।
हालिया जरूरत पर खर्च न करें अपनी सेविंग:
एक बेहतर निवेश योजना वही होती है जिसमें आप खुद को हर छोटे बड़े खर्च से निपटने के लिए तैयार कर लें। हालांकि अक्सर लोग बुढ़ापे से ठीक पहले दो बड़े खर्चों में अपनी पूरी सेविंग खर्च कर देते हैं। बच्चों की पढ़ाई और दूसरा बच्चों की शादी। आपको इसके लिए अलग से प्लानिंग करनी चाहिए। इसे अचानक आया खर्च मानकर रिटायरमेंट सेविंग लुटाना बेहतर फैसला नहीं होता है।