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    Defence Budget 2022: जानें- इस बार डिफेंस बजट को लेकर वित्‍त मंत्री ने किया क्‍या बड़ा एलान, इससे किसे होगा सबसे अधिक फायदा

    रक्षा क्षेत्र के लिए की गई वित्‍त मंत्री की घोषणा से घरेलू बाजार को बढ़ने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही न केवल तकनीक का विकास होगा बल्कि इस ओर छिड़ने वाली प्रतियोगिता से उपकरणों के निर्माण की कीमत भी कम होगी।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 01 Feb 2022 06:49 PM (IST)
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    भविष्‍य में मेक इन इंडिया बनेगी देश की ताकत

    नई दिल्ली (आनलाइन डेस्‍क)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार देश का आम बजट पेश कर दिया। इसमें उन्‍होंने रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणा भी की है। इस घोषणा का सीधा असर देश के घरेलू बाजार और घरेलू तकनीक या कहें स्‍वदेशी तकनीक पर पड़ेगा। अपने संबोधन में वित्‍तमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम करने की घोषणा की है। इसके अलावा उन्‍होंने एक बड़ी अहम घोषणा की है जिसमें उन्‍होंने रक्षा क्षेत्र में रिसर्च और डेवलेपमेंट के बजट को करीब 68 फीसद तक बढ़ाया है।

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    वित्‍तमंत्री ने साफ कर दिया है कि सरकार रक्षा क्षेत्र में आधुनिकता के साथ-साथ आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना चाहती है और इसके लिए प्रतिबद्ध भी है। उनके संबोधन के मुताबिक वर्ष 2022-23 में रक्षा क्षेत्र के लिए पूंजी का 68 फीसद स्थानीय उद्योग के लिए रखा जाएगा। उनके इस संबोधन में ये बात बेहद स्‍पष्‍टतौर पर साफ हो गई है कि सरकार घरेलू बाजार को बढ़ावा देने की तरफ आगे बढ़ रही है। इसके जरिए सरकार मेक इन इंडिया को भी बढ़ावा देना चाहती है। 

    आपको बता दें कि रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई सारे जरूरी सामान, हथियार उपकरण आदि को अब तक आयात करना पड़ता है। लेकिन जब इन चीजों को घरेलू बाजार में बनाया जाने लगेगा तो इससे न सिर्फ इस क्षेत्र में अनुसंधान बढ़ेगा बल्कि निर्माण में भी तेजी आएगी। इस क्षेत्र में सामने आने वाले नए स्‍टार्टअप के जरिए लाखों लोगों को रोजगार मिलने में भी सुविधा होगी और इससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था में मजबूती आएगी। इस घोषणा का एक बड़ा फायदा विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ेगा। 

    अब तक विदेशों आयात किए गए सामान के लिए हमें विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है। लेकिन जब इनका न‍िर्माण देश में ही शुरू हो जाएगा तो इस बड़ी परेशानी से बचा जा सकेगा। साथ ही देश के घरेलू बाजार में इससे प्रतिस्‍पर्धा शुरू होगी जो रक्षा क्षेत्र से जुड़े उपकरणों की कीमत को कम करने में सहायक साबित होगी।