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    Defence Budget 2022: रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता होगी कम, आत्‍मनिर्भरता की तरफ बढ़ेगा कदम

    निर्मला सीतारमण ने देश में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए जहां आयात पर निर्भरता कम करने की तरफ कदम उठाया है वहीं कहा है कि देश इस क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनने की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ाएगा।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 01 Feb 2022 06:48 PM (IST)
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    रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पर होगा पूरा जोर

    नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश कर दिया है। इसमें रक्षा क्षेत्र के के लिए पूंजीगत खरीद बजट का 68 फीसद आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया जाएगा। यह पिछले वित्त वर्ष के 58% से अधिक है। इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया और मेक फार द वर्ल्‍ड पर भी जोर दिया है। इस वित्‍त वर्ष के दौरान मेक इन इंडिया के जरिए इस क्षेत्र में दूसरे विकल्‍पों को भी तलाशा जाएगा

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    इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए उसके विकास और अनुसंधान पर विशेष तौर पर बल दिया गया है। बता दें कि मोदी सरकार के कार्यकाल में रक्षा को मजबूती देने के लिए नए अत्‍याधुनिक लड़ाकू विमान खरीदे गए हैं। इसके अलावा रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की खरीद गई है। साथ ही कई दूसरी मिसाइलों की खरीद के अलावा देश में हथियारों के निर्माण को बढ़ावा दिया गया है। 

    इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया और मेक फार द वर्ल्‍ड पर भी जोर दिया है। इस वित्‍त वर्ष के दौरान मेक इन इंडिया के जरिए इस क्षेत्र में दूसरे विकल्‍पों को भी तलाशा जाएगा। वित्‍तमंत्री ने अपने संबोधन में साफतौर पर कहा है कि डीआरडीओ को जो 25 फीसद अधिक धनराशि दी जाएगी उसके तहत तेजी से रिसर्च और डेवलेपमेंट के लिए कुछ नए आयाम बढ़ाए जाएंगे। 

    सरकार के इस बजट से ये साफ है कि सरकार देश में तैयार होने वाले अत्‍याधुनिक और घरेलू उपकरणों को अधिक तवज्‍जो देगी। भविष्‍य में देश का रक्षा क्षेत्र घरेलू बाजार में तैयार होने वाले उपकरणों से लैस होगा। इससे न सिर्फ घरेलू बाजार को तरक्‍की मिलेगी जबकि रोजगार के भी अवसर प्राप्‍त होंगे।