नियम तैयार नहीं, अधूरे ई-वे बिल के कारण समय से जीएसटी लागू करना बड़ी चुनौती
महत्वपूर्ण ई-वे बिल के अधूरे रहने के कारण जीएसटी को समय पर लागू करना थोड़ा मुश्किल जान पड़ रहा है 3
नई दिल्ली (जेएनएन)। ऐसे में जब इंडस्ट्री वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 1 जुलाई से लागू होने को लेकर तैयारी कर रही है, महत्त्वपूर्ण ई-वे बिल मैकेनिज्म के अधूरे रहने के कारण जीएसटी का समय से लागू होना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। ई-वे बिल के विलंबित कार्यान्वयन पर विचार किया जा रहा है क्योंकि मसौदा नियमों पर अभी भी जीएसटी परिषद में चर्चा की जानी है। साथ ही इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा भी अभी तक तैयार नहीं है। यह जानकारी वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के चेयरमैन नवीन कुमार ने दी है।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक ई-वे बिल को इसलिए प्रस्तावित किया गया है ताकि 50,000 रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं के अंतरराज्यीय और अंर्तराज्यीय पारगमन को ट्रैक किया जा सके। साथ ही कर अधिकारियों के पास किसी भी समय बिल को ट्रैक करने की शक्ति होगी, ताकि पारगमन (ट्रांजिट) के दौरान चोरी को रोका जा सके।
कुमार ने बताया कि जब तक कि ई-वे से जुड़े बिल अस्तित्व में नहीं आते हैं, संभवत: दिसंबर तक, तब तक गुड्स के अंतरराज्यीय पारगमन से जुड़े मौजूदा नियम जारी रहेंगे। कुमार ने कहा, “यह (ई-वे बिल) समय लेगा। यह जुलाई से नहीं होगा। मेरे विचार से अधिक से अधिक यह दिसंबर तक हो सकता है, क्योंकि काउंसिल ने अभी तक नियमों को मंजूरी नहीं दी है। जब नियम होंगे हम तभी इस पर काम करना शुरू कर पाएंगे।”
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