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    RERA के असर से हाउसिंग डिमांड में रिकवरी की उम्मीद, पढ़िए नए कानून पर एक्सपर्ट की राय

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Mon, 01 May 2017 10:10 PM (IST)

    जानिए एक मई से रेरा के लागू होने के बाद से देश के रियल सेक्टर पर पड़ने वाले प्रभाव पर रियल्टी फर्म का क्या कहना है ...और पढ़ें

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    RERA के असर से हाउसिंग डिमांड में रिकवरी की उम्मीद, पढ़िए नए कानून पर एक्सपर्ट की राय

    नई दिल्ली (जेएनएन)। बीते एक महीने में रियल्टी सेक्टर के लिए दो बड़ी सकारात्मक खबरें आई। पहली भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को सीधे रियल इस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट में निवेश की मंजूरी और दूसरी 1 मई से सेक्टर में पारदर्शिया लाने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए लागू किया गया नया कानून रियल एस्टेट रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा)। एक्सपर्ट मानते हैं कि नए कानून के बाद हाउसिंग डिमांड में रिकवरी की उम्मीद है। साथ ही यह कानून खरीदारों को अनैतिक गतिविधियों से बचाएगा। हालांकि बिना बिकी हुई इनवेंटरी के कारण प्रॉपर्टी की कीमतों में स्थिरता देखी जा सकती है।

    रियल एस्टेट डेवेलपर्स बॉडी क्रेडाई और नारेडको (एनएआरडीईसीओ) का मानना है कि इस कानून के लागू होने का बाद से भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के कामकाज में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। यह दोनो बॉडी चाहती थी कि उनके चालू प्रोजक्ट्स को रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट) एक्ट, 2016से बाहर रखा जाए। यह कानून पिछले साल पास हुआ है, लेकिन इनके सुझाव शामिल नहीं किए गए।

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    नारेडको के चेयरमैन राजीव तलवार का कहना है कि देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में यह एक अहम बदलाव लाएगा। यह उन खरीदारों को सुरक्षा मुहैया कराएगा जिन्होंने पूर्व में फ्लैट खरीदा हुआ है। रेरा के अंतर्गत रेगुलेटर को ऐसा कोई तरीका खोजना चाहिए जिससे चालू प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा सके और घर खरीदारों को राहत प्रदान की जा सके।

    क्रेडाई के प्रेसीडेंट जैक्सी शाह का कहना है कि रेरा के लागू होने के रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और साथ ही घरेलू व विदेशी निवेशकों में भरोसा बढ़ेगा। हालांकि इसे लागू होने में शुरुआत में कई समस्याएं आ सकती हैं। जब उनसे कीमतों पर पड़ने वाले असर के बार में पूछा गया तो शाह ने जवाब दिया कि इस साल के दौरान आपूर्ति में कमजोरी देखी जा सकती है, लेकिन प्रॉपर्टी मार्केट में निवेशकों की ओर से भरोसा बूस्ट होने से डिमांग बढ़ेगी। फिलहाल कीमतें स्थिर रह सकती हैं, लेकिन अगले 6 महीनों में कीमते 10 फीसद तक बढ़ सकती हैं।

    जेएलएलआर के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि देश के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए यह काफी अहम फैसला है क्योंकि यह कानून इस क्षेत्र में पारदर्शिता लाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि जब घर खरीदार आसानी से सांस ले सकते हैं और विश्वास के साथ न्वेश कर सकते हैं।

    सीबीआरई के चेयरमैन अंशुमान मैगजीन का कहना है कि लंबे समय में हमें उम्मीद है कि ऐसे रेगुलेटर की मदद इस क्षेत्र को लाभ होगा। निवेशकों का भरोसा इस क्षेत्र में बढ़ेगा, जिससे कि इंस्टिट्यूशनल कैपिटल इनफ्लो में बढ़ोतरी होगी। हम इस क्षेत्र के रिवाइवल की उम्मीद कर रहे हैं।

    प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के चीफ स्ट्रेटेगी ऑफिसर सुनील मिश्रा का कहना है कि रेरा एक प्रोग्रेसिव कानून है, यह प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर देगा, जिसमें प्रोजेक्ट को पूरा करने की साफ साफ टाइनलाइन दी गई होगी और साथ ही स्पेसिफिकेशन्स दी होंगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून खरीदारों, डेवेलपर्स और एजेंट्स सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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