RBI ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, सस्ते कर्ज की उम्मीद को झटका
भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा करते हुए आज मुख्य नीतिगत दरों (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं किया है
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा करते हुए आज मुख्य नीतिगत दरों (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं किया है। इसको 6.25 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा गया है। रेपो रेट को बरकरार रखने के आरबीआई के फैसले के बाद आम आदमी को सस्ता कर्ज मिलने की उम्मीद को झटका लगा है। साथ ही आरबीआई की ओर से वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.6 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया है।
एलान के बाद टूटे शेयर बाजार
आरबीआई की ओर से रेपो रेट न घटाने के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में एकाएक गिरावट देखने को मिली। इस एलान के बाद दिन के उच्चतम स्तर से सेंसेक्स 345 अंक टूट गया। वहीं बैंकिंग शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर बैंक निफ्टी में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। वहीं रियल्टी और ऑटो शेयरों में भी मुनाफावसूली देखने को मिली। बाजार को रेपो रेट में चौथाई से आधे फीसदी कटौती की उम्मीद थी।
घटाया जीडीपी का अनुमान
मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा के दौरान आरबीआई ने 2016-17 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है। इसे मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पहले 7.6 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 5 फीसदी रखा है। आरबीआई के मुताबिक मार्च तक 5 फीसदी खुदरा महंगाई के लक्ष्य को पाना जरूरी है। आरबीआई के मुताबिक नोटबंदी के असर से अक्टूबर से दिसंबर के दौरान खुदरा महंगाई के 10 से 15 बेसिस प्वाइंट घटने का अनुमान है।
आरबीआई ने बढ़ी हुई सीआरआर की लिमिट हटाई
आरबीआई ने एक अहम फैसला लेते हुए बैंकों के लिए 100 फीसदी इन्क्रीमेंटल (बढ़ी हुई) सीआरआर की लिमिट को हटा दिया है। अब बैंकों को अपने यहां होने वाले डिपॉजिट के अनुपात में पूरी रकम सीआरआर के रूप में रिजर्व नहीं रखनी पड़ेगी। आरबीआई का यह कदम बैंकों में नकदी को बढ़ाएगा। इससे पहले आरबीआई ने 26 नवंबर को बैंकों में बढ़ती लिक्विडिटी को नियंत्रित करने के लिए 100 फीसदी इन्क्रीमेंटल सीआरआर की लिमिट तय की थी।
रिवर्स रेपो में भी नहीं हुआ कोई बदलाव
आरबीआई की ओर से रेपो रेट के साथ साथ रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसको को भी पहले की तरह 5.75 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा गया है। साथ ही एमएसएफ बैंक रेट में भी कोई बदलाव न करके इसको भी आरबीआई ने 6.75 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा है। ध्यान रहे रेपो रेट वह रेट होती है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। वहीं रिवर्स रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर आरबीआई बैंकों को जमाओं पर ब्याज देता है।

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