निजीकरण से बाहर रखें एयर इंडिया की लाभ वाली यूनिटें: नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा है कि एयर इंडिया की सहयोगी कंपनियों को प्रस्तावित निजीकरण के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए ...और पढ़ें

नई दिल्ली (जेएनएन)। एयर इंडिया की फायदे वाली सहयोगी कंपनियों को प्रस्तावित निजीकरण के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में यह राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस सरकारी एविएशन कंपनी की लाभ कमाने वाली यूनिटों की बिक्री का फैसला ठीक नहीं होगा।
गडकरी का यह बयान अहम है, क्योंकि वह उस पांच सदस्यीय मंत्रिसमूह के सदस्य हैं, जो कंपनी के निजीकरण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है। इस साल 28 जून को केंद्रीय कैबिनेट ने एयर इंडिया के निजीकरण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। गडकरी यहां सरकारी एयर लाइन की सहयोगी एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआइईएसएल) में पहले थर्ड पार्टी विमान को बड़े मेंटीनेंस काम मिलने के मौके पर हुए कार्यक्रम में मौजूद थे।
सेल ने तैयार की टर्नअराउंड रणनीति
सरकारी क्षेत्र की स्टील निर्माता कंपनी सेल ने अपने प्रदर्शन में भारी सुधार की रणनीति तैयार की है। सेल के चेयरमैन पीके सिंह ने कंपनी के भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत 750 से अधिक कर्मियों के साथ आपसी संवाद की एक श्रृंखला में हिस्सा लेते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंपनी के नए रोडमैप के तहत दो से तीन वर्ष के दौरान अर्जित होने वाले शुद्ध लाभ के साथ खरीद लागत में भारी कमी का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा लागत को कम करने के लिए विवेकपूर्ण वित्त प्रबंधन, पुरानी और नई परिसंपत्तियों की परिचालन लागत व अतिरिक्त खर्चो में कटौती करने और बिक्री से प्राप्त लाभ को बढ़ाने के लिए कई स्तरों पर उपाय किए जाएंगे। नई रणनीति में विपणन, ब्रांडिंग व वितरण को और बेहतर बनाया जाएगा, जबकि नई व आधुनिकीकृत इकाइयों से उत्पादन बढ़ाया जाएगा। कंपनी नई परियोजनाओं को भी जल्द से जल्द पूरा करेगी।

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