अमेरिकी कंपनियों को ट्रंप की चेतावनी, नौकरियां बाहर भेजीं तो देना होगा भारी टैक्स
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों को आगाह करते हुए कहा है कि अगर उन्होंने नौकरियां बाहर भेजीं तो उन्हें भारी कर अदा करना होगा।
नई दिल्ली: अमेरिकन फर्स्ट नीति पर एक बार फिर से जोर देते हुए अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकन कंपनियां दूसरे देशों में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करती हैं तो उन्हें जल्द ही भारी सीमा शुल्क अदा करना पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा है कि जो कंपनियां घरेलू पैमाने पर उत्पादन को बढ़ावा देंगी, उनके लिए नियमनों और टैक्स में कटौती की जाएगी। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने बीते 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी।
वाइट हाउस में कंपनियों के सीईओ के साथ की बातचीत:
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस में नाश्ते के दौरान करीब 12 कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत की। इस बैठक के जरिए ट्रंप ने इशारों-इशारों में ही कह दिया कि अब विनिर्माण की हवा अमेरिका में फिर से चलनी चाहिए। ट्रंप ने कहा, 'हम मध्यम वर्ग तथा कंपनियों दोनों के लिए करों में कटौती करने जा रहे हैं। यह कटौती भारी भरकम होगी। हमारा मानना है कि नियमनों में 75 फीसदी या इससे भी अधिक की कमी की जा सकती है। हम 75 फीसदी की कटौती करेंगे।'
नौकरियां बाहर भेजी तो भुगतने पड़ेंगे परिणाम:
इस बैठक के दौरान ट्रंप ने कंपनियों से यह भी कहा कि अगर वो नौकरियां दूसरे देशों में भेजेंगे तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। ट्रंप ने साफ साफ लफ्जों में कहा कि जो भी कंपनियां अमेरिका के भीतर अपने उत्पाद बनाएंगी उन्हें लाभ होगा। ट्रंप ने कंपनियों को चेताते हुए कहा कि अगर कोई कंपनी अमेरिका में सभी लोगों को नौकरी से निकालना चाहती है और वह किसी अन्य देश में कारखाना खोलकर यह सोचती है कि वो अपने उत्पाद सीमा पार आसानी से यहां लेकर आ जाएगी, तो ऐसा नहीं होगा, क्योंकि उन्हें इसके लिए भारी भरकम टैक्स अदा करना होगा।
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