विदेश व्यापार महानिदेशालय की नये स्वरूप में ढालने की संभावना
विदेश व्यापार महानिदेशालय का मौजूदा कामकाज डिजिटाइजेशन की वजह से ऑनलाइन होने जा रहा है
नई दिल्ली (जेएनएन)। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) खुद को एक नये स्वरूप में ढालने की संभावना पर गौर कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका काफी सारा मौजूदा कामकाज डिजिटाइजेशन की वजह से ऑनलाइन होने जा रहा है। गौरतलब है कि एक जुलाई, 2017 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने की उम्मीद की जा रही है।
आपको बता दें कि वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाला डीजीएफटी निर्यात को सुगम बनाता है। इसके साथ ही नियामक देश से वस्तुओं के निर्यात की योजना बनाना, अग्रिम अधिकरण और पूंजीगत वस्तु निर्यात संवर्धन जैसे कार्यक्रमों का संचालन करता है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना है कि किस तरह हम घरेलू निर्यातकों को सहयोग जारी रखने के लिए अपने मानव संसाधनों का सही तरह से इस्तेमाल करें।
डिजिटाइजेशन पर जोर दिए जाने के साथ ही हमारी अधिकांश गतिविधियां जैसे आयात-निर्यात कोड नंबर प्रदान करना आदि अब ऑनलाइन संभाले जा रही हैं। नया अप्रत्यक्ष कर ढांचा के प्रभाव में आने के बाद सभी शेष कार्य डिजिटल माध्यम से ही किए जाएंगे।
टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक समान जीएसटी दर संभव
कपड़ा उद्योग में एक समान जीएसटी दर होने की उम्मीद है। केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए जल्द ही एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी। ईरानी ने यहां शुक्रवार को टेक्सटाइल उद्योग के संगठनों ओर हितधारकों से मुलाकात की।