GST में 215 वस्तुएं सस्ती, देखिए लिस्ट में किन चीजों के घट गए दाम
जीएसटी काउंसिल की ओर से घटाई गईं सभी दरें 15 नवंबर से लागू होंगी।
हरिकिशन शर्मा गुवाहाटी। आम लोगों और व्यापारियों की तकलीफ दूर करने के लिए जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को जीएसटी की दरों और रिटर्न फाइल करने के नियमों में आमूलचूल परिवर्तन का फैसला किया। काउंसिल ने डिटर्जेट, फर्नीचर, शैंपू सहित 215 वस्तुओं पर जीएसटी घटाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। साथ ही एसी व गैर-एसी रेस्तरां में खाने पर जीएसटी 18 से घटाकर पांच फीसद करने का एलान किया गया। जीएसटी की नई दरें 15 नवंबर से प्रभावी होंगी। दरें घटाने की घोषणा से करीब 20 हजार करोड़ रुपये की राजस्व हानि होने का अनुमान है।
जीएसटीएन पोर्टल में तकनीकी खामियों के चलते रिटर्न भरने में आ रही परेशानियों को देखते हुए कंपोजीशन स्कीम को आकर्षक बनाने और जीएसटी का अनुपालन आसान करने के लिए भी कई अहम फैसले किए गए हैं। काउंसिल ने रिटर्न फाइल करने में देरी पर लगने वाली लेट फीस रोजाना 200 रुपये से घटाकर 20 रुपये करने का निर्णय भी किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यहां शुक्रवार को हुई 23वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। उन्होंने कहा कि पिछली तीन बैठकों से काउंसिल लगातार जीएसटी की 28 फीसद वाली स्लैब से वस्तुओं को निकालकर लोगों को राहत दे रही है। फिलहाल इस स्लैब में कुल 228 वस्तुएं हैं। इनमें से लग्जरी गुड्स, सिन गुड्स और वाइट गुड्स को छोड़कर 178 वस्तुओं को 18 फीसद के स्लैब में डालने का निर्णय किया गया है। दो वस्तुओं को 28 से 12 फीसद के स्लैब में डाला गया है। एसी, वाशिंग मशीन, सीमेंट और सिगरेट व पान मसाला जैसी अवगुणी वस्तुओं (सिन गुड्स) समेत अब केवल 48 वस्तुएं 28 फीसद की स्लैब में बची हैं।
अब एसी या गैर-एसी किसी भी तरह के रेस्तरां में खाने पर 18 फीसद की जगह मात्र पांच फीसद जीएसटी लगेगा। फूड पार्सल (टेक अवे) पर जीएसटी पांच फीसद की दर से लगेगा। हालांकि रेस्तरां को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। जिन होटलों में एक रात के लिए कमरे का किराया 7,500 रुपये से अधिक है, वहां खाने पर 18 फीसद जीएसटी लगेगा। जिन होटलों में कमरे का किराया 7,500 रुपये प्रति रात्रि से कम है, वहां खाने पर जीएसटी पांच फीसद ही लगेगा। लेकिन उन होटलों को इसके लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। वहीं आउटडोर कैटरिंग पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के साथ 18 फीसद जीएसटी बरकरार रहेगा। हालांकि, काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने वाले रेस्तरां पर जीएसटी पांच से घटाकर एक फीसद करने संबंधी हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह की सिफारिश खारिज कर दी।
कंपोजीशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने पर सहमति : काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम की सीमा मौजूदा एक करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने संबंधी मंत्रिसमूह की सिफारिश को स्वीकार कर लिया। हालांकि इसकी अधिकतम सीमा दो करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर तय की जाएगी। इसके लिए जीएसटी कानून में संशोधन करना पड़ेगा। काउंसिल में इस पर सहमति नहीं बनी कि कंपोजीशन स्कीम का चुनाव करने वाले डीलरों को अंतरराज्यीय बिक्री की अनुमति दी जाए या नहीं। काउंसिल ने इस स्कीम का चुनाव करने वाली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों के लिए जीएसटी दर दो से घटाकर एक फीसद करने संबंधी मंत्रिसमूह की सिफारिश पर भी मुहर लगा दी। वित्त सचिव हसमुख अढिया ने स्पष्ट किया कि कंपोजीशन स्कीम लेने वाले व्यापारियों को सिर्फ करयोग्य वस्तुओं के टर्नओवर पर ही एक फीसद जीएसटी देना होगा।
28 नहीं अब इन वस्तुओं पर लगेगा 18 फीसद जीएसटी:
- वायर, केबल, इंसुलेटेड कंडक्टर, इलेक्ट्रिक इंसुलेटर, इलेक्ट्रिक प्लग, स्विच, सॉकेट, फ्यूज, रिले और इलेक्ट्रिक कनेक्टर्स।
- इलेक्ट्रिक कंट्रोल एवं डिस्ट्रीब्यूशन के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड, पैनल, कंसोल और कैबिनेट।
- पार्टिकल/फाइबर बोर्ड और प्लाईवुड। लकड़ी के बने सामान और लकड़ी के फ्रेम।
- फर्नीचर और गद्दे एवं बिस्तर।
- ट्रंक (लोहे की पेटी), सूटकेस, ब्रीफकेस, ट्रैवलिंग बैग और हैंडबैग।
- डिटर्जेंट, धुलाई और सफाई में इस्तेमाल होने वाले सामान।
- शैंपू, हेयर क्रीम और हेयर डाई।
- शेविंग के सामान, डियोड्रेंट, पर्फ्यूम और मेकअप के सामान।
- फैन, पंप्स और कंप्रेसर।
- लैंप और लाइट फिटिंग के सामान।
- प्लास्टिक के सामान, शॉवर, सिंक, वॉशबेसिन, सीट्स के सामान और प्लास्टिक के सेनेटरी वेयर।
- संगमरमर और ग्रेनाइट के बने सामान।
- सभी प्रकार के सिरेमिक टाइल।
- कलाई घड़ी, घड़ी और वॉच केस एवं उससे जुड़े सामान।
- परिधान और चमड़े के कपड़ों के सामान।
- कटलरी, स्टोव, कुकर और इसी तरह के नॉन इलेक्ट्रिक डोमेस्टिक एप्लाइंस।
- रेजर और रेजर ब्लेड।
- ऑफिस और डेस्क इक्विपमेंट।
- बोर्ड और सीट्स जैसे प्लास्टिक के सामान।
- सीमेंट, कंक्रीट और कृतिम पत्थर से बने सामान।
- वॉल पेपर, ग्लास के सभी प्रकार के सामान, इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन और अग्निशमक उपकरण।
- बुलडोजर्स, लोडर और रोड रोलर्स, एस्केलेटर, कूलिंग टॉवर।
- रेडियो और टेलीविजन प्रसारण के विद्युत उपकरण।
- साउंड रिकॉर्डिंग उपकरण, सभी प्रकार के संगीत उपकरण और उससे जुड़े सामान।
- कृत्रिम फूल, पत्ते और कृत्रिम फल।
- कोको बटर, वसा और तेल पाउडर।
- चॉकलेट, च्विंगम और बबलगम।
- रबर ट्यूब और रबर के बने तरह तरह के सामान।
- चश्में और दूरबीन।
- 28 नहीं अब इन वस्तुओं पर लगेगा 12 फीसद जीएसटी:
- ग्राइंडर की तरह स्टोन के बने वेट ग्राइंडर।
- टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहन।
इन वस्तुओं पर अब 18 के बजाए लगेगा 12 फीसद जीएसटी:
- गाढ़ा किया हुआ दूध
- रिफाइंड सुगर और सुगर क्यूब
- पास्ता
- मधुमेह रोगियों को दिया जाने वाला भोजन
- प्रिंटिंग इंक
- जूट और कॉटन के बने हैंड बैग और शॉपिंग बैग।
- हैट।
- कृषि, बागवानी, वानिकी और कटाई से जुड़ी मशीनरी के सामान।
- सिलाई मशीन के सामान।
18 के बजाय अब इन पर लगेगा 5 फीसद जीएसटी:
- पफ्ड राइस चिक्की, पीनट चिक्की, सीसम चिक्की, रेवड़ी, तिलरेवड़ी, खाजा, काजू कतली, ग्राउंडनट स्वीट गट्टा और कुलिया।
- चटनी पाउडर।
- फ्लाई एश।
- अब इन पर 12 नहीं लगेगा 5 फीसद जीएसटी:
- नारियल का बुरादा
- कपास के बुने हुए कपड़े।
- इडली और डोसा।
- तैयार चमड़ा और चमड़े से बने सामान।
- फिशिंग नेट और फिशिंग हुक।