सिवान जेल में 'साहेब' ने खींची थी सेल्फी, अब तिहाड़ में मिली खाट
सिवान के साहेब कहे जाने वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल में कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा। अब ना तो कोई पकवान मिलेगा ना ही कोई खास चीज, बस सूखी रोटी और जेल की हवा मिलेगी।
पटना [जेएनएन]। कभी सिवान जेल से सेल्फी लेते थे साहेब और वह सेल्फी वायरल हो गया था। अब सिवान के साहेब और बिहार का माफिया डॉन पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में ऐश नहीं कर पाएगा। यहां शहाबुद्दीन को जमीन पर टाट बिछाकर सोना पड़ेगा। सीवान और बिहार की दूसरी जेलों की तरह शहाबुद्दीन तिहाड़ में ना तो अपना दरबार लगा पाएगा और ना ही सेल्फी उतार पाएगा।
तिहाड़ का बैरक नंबर दो है साहेब का ठिकाना
तिहाड़ जेल की बैरक नंबर दो में रखे गए शहाबुद्दीन का नया पड़ोसी एक और माफिया डॉन छोटा राजन होगा।इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल, जेसिका लाल मर्डर केस का दोषी मनु शर्मा, नितीश कटारा हत्याकांड का दोषी विकास और विशाल यादव भी जेल नंबर दो में ही हैं। ये सब शहाबुद्दीन के पड़ोसी होंगे, इनकी बैरक के ठीक बगल वाले वॉर्ड नंबर-सी में छोटा राजन बंद है।
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तमिलनाडु पुलिस की मिली है सुरक्षा
शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल के ए ब्लॉक के हाई सिक्योरिटी वॉर्ड में रखा गया है। वो दो दर्जन सुरक्षाकर्मियों और कई सीसीटीवी कैमरों की कड़ी निगरानी में रहेगा। यहां पैरा मिलिट्री के साथ ही तमिलनाडु आर्म्ड पुलिस के लगभग दो दर्जन सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।
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तिहाड़ में डॉन का पड़ोसी बना डॉन
जेल के अंदर शहाबुद्दीन के हर मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। सुरक्षाकर्मियों की नजर में वो लोग खासतौर पर रहेंगे जिनसे शहाबुद्दीन बात करता है या जो उसके पास ज्यादा वक्त बिता रहे हैं।
जेल की रोटी खानी पड़ेगी
सूत्रों के मुताबिक सीवान और बिहार की दूसरी जेलों में शहाबुद्दीन को मनचाहा खाना और पकवान मिलते थे।लेकिन यहां उसे सिर्फ जेल की हवा और रोटी खाने होंगे। उसे जेल में बना शाकाहारी खाना ही नसीब होगा। जेल मैनुअल के मुताबिक उसे सुबह का नाश्ता सात बजे, दोपहर का खाना साढ़े बारह बजे और रात का खाना शाम सात बजे दिया जाएगा।
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आम कैदियों की तरह दिए जाएंगे कूपन
हालांकि, कैंटीन में उपलब्ध चीजें वो जेल के कूपन से खरीद सकता है ये कूपन भी आम कैदियों की तरह ही सीमित संख्या में उसे दिए जाएंगे। शहाबुद्दीन, जेल में रखे पंखे की हवा खाएगा और मच्छर से बचने के लिए उसे क्वायल दिया जाएगा। अगर शहाबुद्दीन को इनके अतिरिक्त कोई सुविधा चाहिए तो उसे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा।
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