बिहारः बाढ़ राहत शिविर में केंद्रीय मंत्रियों के खाना खाने पर गरमाई राजनीति
बाढ़ राहत शिविर में गए केंद्रीय मंत्रियों के वहां भोजन करने को जदयू ने हद दर्जे की बेशर्मी बताते हुए कहा कि बिना सहायता दिए खाना ठीक नहीं। भाजपा ने मंत्रियों का बचाव किया है।
पटना [वेब डेस्क ]। बिहार का राजनीतिक माहौल का असर कहें या नेताओं की हर बात पर टीका-टिप्पणी की आदत, एेसी घटनाएं भी यहां चर्चा में आ जाती हैं जिसको लेकर राजनीति की गुंजाइश कम ही हो। पर विरोधी तो विरोधी हैं। बाढ़ राहत केंद्रों के दौरे पर निकले केंद्रीय मंत्रियों के राहत शिविर में भोजन पर भी राजनीति गरम हो गई है। जदयू ने इसे हद दर्जे की बेशर्मी करार दिया है तो भाजपा ने मंत्रियों का बचाव किया है।
रविवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उपेंद्र कुशवाहा और रामकृपाल यादव बाढ़ राहत केंद्रों के दौरे पर निकले थे। इस दौरान रविशंकर प्रसाद और उनके साथ गए विधायक नितिन नवीन सहित कई लोगों ने राहत शिविर में ही भोजन किया। इसपर जदयू ने तल्ख टिप्पणी की है। जदयू प्रवक्ता नीरज का कहना है कि बिना कोई सहायता दिए राहत केंद्र में केंद्रीय मंत्री का भोजन करना हद दर्जे की बेशर्मी है। यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है।
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भाजपा ने मंत्री के भोजन करने का यह कहते बचाव किया है कि जदयू के लोग शिष्टाचार भी भूल गए हैं। भाजपा प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि मंत्री ने राहत शिविर का दौरा करने के दौरान भोजन कर पूरी व्यवस्था के प्रति सम्मान का भाव दिखाया। एेसे मौकों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जदयू का यह बयान हताशा भरा है।
उधर इस मामले पर भाजपा का कहना है कि स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति आक्रोश का जो भाव था उसे राहत शिविर में गए केंद्रीय मंत्री ने भोजन के दौरान दूर करने की कोशिश की, मंत्री को खाता देखकर लोग शांत हो गए और जदयू को इस मुद्दे पर राजनीति दिख रही है।
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उल्लेखनीय है कि रविवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बख्तियारपुर गए थे। वहां उन्होंने राहत शिविर में भोजन किया था।