धर्मांतरण पर गरमाई सियासत, NDA का सरकार पर निशाना, जदयू का पलटवार
बक्सर के चौंगाई में धर्मांतरण की घटना सार्वजनिक होने के बाद इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने इस मुद्दे पर महागठबंधन सरकार पर निशाना साधा है।
पटना [वेब डेस्क ]। बिहार के किसी न किसी हिस्से से अक्सर धर्मांतरण की खबरें आती रहती हैं। इसका प्रायः नोटिस नहीं लिया जाता पर बक्सर के चौंगाई से आई धर्मांतरण की खबर से राज्य का सियासी पारा गरम है। सुप्रीमो रामविलास पासवान सहित एनडीए के सभी नेताओं ने इस घटना को महागठबंधन सरकार की नाकामी का परिणाम बताया है। भाजपा ने कहा कि धर्मांतरण सरकार की विफलता है। जदयू ने प्रतिवाद किया है।
भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर आंदोलन की धमकी दी है तो जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने माना है कि गरीबी के कारण समाज का एक तबका बहकावे में आ रहा है।लेकिन साथ ही भाजपा से पूछा है कि वह बताए कि राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए उसने अपने स्तर से क्या प्रयास किया? उन्होंने कहा कि जदयू सर्वधर्म समभाव में भरोसा रखता है।
लोजपा सुप्रीमो ऱामविलास पासवान ने बक्सर की घटना पर राज्य सरकार को सीधे कठघरे में खड़ा किया है। पासवान ने कहा है कि सरकार के पास ईसाई मिशनरियों के कुचक्र से निपटने का कोई तंत्र नहीं है। वे भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन को भी निशाने पर लिया है। कहा कि देखते-देखते पूरा गांव ईसाई बन गया और प्रशासन को कोई खबर तक नहीं हुई, यह बड़ी प्रशासनिक विफलता है।
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पासवान ने कहा- महादलित सरकार की प्राथमिकता में नहीं
कहा कि इस घटना ने यह भी साबित किया है कि सरकार की महादलितों का कल्याण केवल वोट लेने के लिए स्टंट भर है। अगर प्रशासन और सरकार को महादलितों की फिक्र होती तो एेसा कैसे होता कि ईसाई मिशनरियां अपने चाल में कामयाब हो जातीं। साफ है कि प्रशासन ने अपनी जवाबदेही नहीं निभाई। धर्मांतरण तभी होता है जब लोग पीड़ा में होते हैं। यह सरकार की नाकामी है।
महादलितों के लिए सरकार ने कुछ नहीं कियाः विनोद
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए दलितों और महादलितों को बांट दिया लेकिन इनके उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। बक्सर में महादलितों का ईसाई धर्म अपनाना इसी की परिणति है। कहा कि अगर सरकार ने महादलितों के विकास के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारा होता तो यह हाल नहीं होता।
भाजपा बताए, धर्मांतरण रोकने के लिए क्या कियाः नीरज
उधर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने सरकार पर पासवान के आरोपों से इन्कार किया है। कहा कि सरकार इस मामले में पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए के लोग सामाजिक मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं। आजादी के सत्तर साल में भी वंचित तबकों के विकास का कोई प्रयास नहीं होने से एेसी घटनाएं हो रही हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब भाजपाई सरकार के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं। पार्टी बताए कि धर्मांतरण रोकने के लिए उसने अपने स्तर से क्या किया।
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वोट बैंक की राजनीति है धर्मांतरणः गोपाल
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपालनारायण सिंह ने कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है। कांग्रेस और अन्य दल अपने फायदे के लिए मिलकर यह कुकृत्य कर रहे हैं। यह बेहद संवेदनशील मामला है। सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन होगा।
बक्सर के चौंगाई में हुआ है धर्मांतरण
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बक्सर के चौंगाई से खबर आई थी कि ईसाई मिशनरियों ने एक हजार की आबादी वाले महादलित टोले के आधे परिवारों का धर्मांतरण कर उन्हें ईसाई बना लिया है। शेष बचे परिवारों पर भी ईसाई धर्म अपनाने का दबाव दिया जा रहा है। पूरे इलाके में यह चर्चा आम है कि मिशनरियों ने इसके लिए अंधविश्वास के साथ स्थानीय लोगों को कई तरह के लालच दिए। उन्हें बेहतर जीवन का सपना दिखाया गया।
बढ़ी विभिन्न संगठनों की सक्रियता
मामले का खुलासा होने के बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित विभिन्न संगठनों की गांव में सक्रियता बढ़ गई है। पूरा गांव महादलित समुदाय का होने से इस बिरादरी के नेताओं का भी आना-जाना शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों से घटनाक्रम की जानकारी ली जा रही है। उधर गांव में पहले रोजाना दिखने वाले ईसाई मिशनरियों के प्रतिनिधि अभी भूमिगत हो गए हैं।
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गांव के लोगों की मांग, बने मंदिर
इस मामले को लेकर गांव दो खेमों में बंटा तो सूचना बाहर आई। इसके बाद विभिन्न संगठनों का इस गांव में आना जाना शुरू हो गया है। डीएम ने सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है। उधर गांव में जो लोग अभी ईसाई नहीं बने हैं वे गांव में काली मंदिर बनाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि गांव में मंदिर बन जाए तो ईसाई मिशनरियां लोगों को बरगला नहीं सकेंगी।
बोले डीएम-अभी सामने नहीं आया कोई आरोपी
इस मामले में डीएम ने कहा कि मामले की जांच कराई गई है। अबतक कोई एेसा व्यक्ति सामने नहीं आया है जिसकी पहचान आरोपी के रूप में हो सके। स्थानीय लोगों ने किसी पर आरोप नहीं लगाया है। स्वाभाविक रूप से लोगों ने अपनी आस्था परिवर्तित की है। अभी सरकार को कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है।