बाढ़ से भागलपुर में स्थिति बिगड़ी, नवगछिया जेल में पानी, कटिहार में बांध ध्वस्त
पटना में गंगा शांत हुई तो भागलपुर में तबाही शुरू हो गई है। कुरसेला के पास कटिहार में गंगा कोसी तटबंध टूट जाने से शनिवार को अफरातफरी मची रही। पानी यहां तेजी से निकल रहा है।
पटना [वेब डेस्क ] । बिहार में गंगा सहित विभिन्न नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव का क्रम जारी है। गंगा पटना और आसपास के जिलों में शांत हुई तो भागलपुर में तबाही बढ़ गई है।शनिवार को नवगछिया के उपकारा में भी पानी घुस गया जिससे अफरातफरी मच गई। कटिहार के बरारी और कुरसेला के बीच गंगा-कोसी तटबंध कटने से अफरातफरी का आलम है। लोगों में आपाधापी मची है।
डीएम-एसपी जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं के साथ कटाव स्थल पर पहुंच गए हैं। पानी के तेज बहाव में कटाव की चौड़ाई बढ़ती जा रही है जिसके बाद माइकिंग कर लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। इस घटना में लगभग 80 हजार लोगों के प्रभावित होने का खतरा है। लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है।
तटबंध के करीब तीस मीटर की लंबाई में कटने से पानी का तेज बहाव हो रहा है। एनएच 31 के साथ कटिहार बरौनी रेलखंड पर मधेली ढाला के पास ट्रैक पर दबाव बना हुआ है। ब्रांडी तटबंध पर भी खतरा मंडराने से इसके आसपास बसे लोग बेचैनी में हैं। यहां स्पर 12 के कटने के बाद अब स्पर 8 पर भी दबाव बढ़ गया है। यह भी किसी भी क्षण टूट सकता है।
भागलपुर के नवगछिया जेल में पानी घुसने के बाद यहां के सभी कैदियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जेल में 230 कैदी है और इन्हें भागलपुर के तिलका मांझी सेंट्रल जेल ले जाने की योजना है। शिफ्टिंग प्रक्रिया देर रात तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। उधर गंगा का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। शहर के कई इलाकों में गंगा का पानी घुसा हुआ है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।
खगड़िया में भी बाढ़ से बुरा हाल है। प्रभावित गांवों में जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
धर्मावती नदी में डूबने से चार की मौत
बक्सर के चक्की ओपी क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर बाढ़ की वजह से धर्मावती नदी में डूबने से शनिवार को एक महिला व दो किशोरी समेत चार की मौत हो गई। मृतकों में चंदा गांव के छठू यादव की पत्नी 60 वर्षीय घरभरनी देवी, वीरेन्द्र यादव की पुत्री 14 वर्षीय गुड़िया कुमारी, टुनटुन यादव की 12 वर्षीय पुत्री रम्भा कुमारी और लक्ष्मण डेरा निवासी 35 वर्षीय सुरेश यादव शामिल हैं। घरभरनी, गुड़िया व रम्भा अपने-अपने घरों से एक साथ दूर-दराज स्थित खेत में काम करने के लिए निकली थीं।
गांव के दक्षिण दिशा स्थित बलुआही मैदान के समीप धर्मावती नदी का पानी दूर तक फैला था। वे उसी पानी में घुसकर पैदल ही खेत का रास्ता तय करने लगीं। इसी बीच धारा में बहकर तीनों गहरे पानी में चली गई और डूब गईं। वहीं लक्ष्मण डेरा गांव के पास धर्मावती के बाढ़ में ही स्नान करने के दौरान सुरेश यादव गहराई में पहुंच गए। जिससे डूबने से उनकी मौत हो गई।