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    एक आइडिया ने बदल दी जिंदगी, पहले खुद थे बेरोजगार, अब लोगों को दे रहे रोजगार

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Wed, 03 May 2017 10:47 PM (IST)

    कहते हैं एक आइडिया जिंदगी बदल देता है। कल तक जो लोग खुद बेरोजगार थे, आज वे रोजगार बांट रहे हैं। पूरा परिवार उस एक काम के जरिए कमाई कर रहा है।

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    एक आइडिया ने बदल दी जिंदगी, पहले खुद थे बेरोजगार, अब लोगों को दे रहे रोजगार

    पटना [चन्द्रशेखर]। कल तक जो बेरोजगार थे, आज वे रोजगार बांट रहे हैं। खुद तो काम कर रही रहे, पूरा परिवार उस एक काम के जरिए कमाई कर रहा है। जनसंख्या नियोजन का ये नेक काम कर रही है, बिहार बेरोजगार काउंसिल। संस्था की ओर से शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कुटीर उद्योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें युवकों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। संस्था का दावा है कि पिछले 30 साल के दौरान अब तक 10,000 से अधिक समूहों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

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    मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण

    संस्था के अध्यक्ष जीएन तिवारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के युवकों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिलवाकर उनके लिए रोजगार सृजन की कोशिश की गई है। खुसरुपुर व बख्तियारपुर क्षेत्र के दर्जनों लोगों द्वारा मधुमक्खी पालन कर शहद बेचने का कारोबार किया जा रहा है। ग्रामोद्योग से इन किसानों व स्वयं सहायता समूहों को मदद दिलाई जा रही है। 

    मशरूम उत्पादन के साथ फूलों की खेती 

    सचिव शशिशेखर प्रसाद ने बताया कि संस्था की ओर से वैशाली, दुल्हिनबाजार, खुसरुपुर, बख्तियारपुर, नालंदा, पटना सदर, दानापुर, बिक्रम, पालीगंज, मसौढ़ी, धनरुआ, पुनपुन आदि में किसानों व मजदूरों को मशरूम उत्पादन व फूलों की खेती का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अधिकांश किसान आज मशरूम उत्पादन कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। खुसरुपुर, बख्तियारपुर एवं दुल्हिनबाजार प्रखंड के काफी किसान फूलों की खेती कर काफी लाभान्वित हो रहे हैं। 

    महिलाएं बना रहीं बिंदी 

    राजधानी के दीघा व बुद्धा कालोनी थाना क्षेत्र की 100 से अधिक महिलाओं को बिंदी, लहठी व हैंडीक्राफ्ट्स के साथ ही बांस की टोकरी व सूप बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें रोजगार के लिए बैंकों से ऋण भी दिलवाया गया। 

    वर्मी कंपोस्ट बना कर रहे जीविकोपार्जन 

     वैशाली जिले के कई गांवों के युवकों व किसानों को बर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। अब वहां के 200 से अधिक किसान बर्मी कंपोस्ट बना रहे हैं। वैशाली जिले में तंबाकू की खेती अधिक होती है। बर्मी कंपोस्ट बनाकर सैकड़ों बेरोजगार युवक आज अच्छी कमाई कर रहे हैं। 

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    सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण

    छोटे-छोटे कस्बों की बेरोजगार महिलाओं व युवतियों को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिलाने के लिए संस्था की ओर से कई केन्द्र खोले गए हैं। कई महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत बैंकों से ऋण दिलवाकर दुकान खोलवाने में मदद की जाती है। 

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