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Bihar Politics: तेजस्वी ने तीसरे चरण तक कर डाली 90 चुनावी सभा, फिर भी क्यों नहीं दिखा कांग्रेस का कोई कद्दावर नेता

किसी दौर में मशहूर शायर दाग देहलवी ने लिखा था कि चिलमन से लगे बैठे हैं साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं। बिहार में राजद-कांग्रेस की दोस्ती भी देहलवी के शेर जैसी ही हो गई है। दोस्ती तो है लेकिन ज्यादातर चुनावी मंच पर यह दोस्ती दिखाई नहीं देती है। महागठबंधन के अधिकतर सहयोगी दल अपने-अपने हिसाब से चुनाव मैदान में जुटे हैं।

By Sunil Raj Edited By: Mohit Tripathi Published: Fri, 03 May 2024 03:32 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2024 03:32 PM (IST)
तेजस्वी ने तीसरा चरण तक कर डाली 90 चुनावी सभा। (फाइळ फोटो)

सुनील राज, पटना। महागठबंधन के अधिकांश सहयोगी दल अपने-अपने हिसाब से चुनाव मैदान में जुटे हैं। वामदल अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए अपने तरीके से अलग-थलग होकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो गठबंधन की अन्य सहयोगी कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए प्रचार में जुटी है।

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प्रचार में सर्वाधिक ताकत राजद ने झोंक रखी है। लेकिन गौर करने वाली बात है की इक्का-दुक्का मौकों को छोड़ दिया जाए तो संयुक्त रूप से महागठबंधन के सभी सहयोगी दल एकजुट होकर प्रचार करते नहीं दिख रहे है। जिसे देखते हुए यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि ये दल तो हैं लेकिन कहीं न कहीं इनके बीच दूरी भी है।

अबतक 9 सीटों पर हो चुके हैं चुनाव

बिहार में अब तक दो चरणों में नौ सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। जिन सीटों पर अब तक मतदान हो चुके हैं। वे हैं गया, औरंगाबाद, नवादा, जमुई, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।

तीसरे चरण के लिए पांच सीटों झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगडिय़ा में सात मई को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद भी चार चरणों के चुनाव शेष रह जाएंगे।

सहयोगियों के साथ अबतक 5 जनसभाएं कर चुके हैं पीएम मोदी

पक्ष-विपक्ष के दोनों गठबंधन अपनी पूरी ताकत से इन सीटों पर जीत का जोर लगा रहे हैं। स्वयं प्रधानमंत्री बिहार में लगभग पांच चुनावी सभाएं कर चुके हैं। पीएम के मंच पर तमाम सहयोगी दल के नेताओं की उपस्थिति रही है।

पीएम मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपनी चुनावी सभाएं कर रहे हैं।

इन नेताओं के मंच पर भी सहयोगी दल के नेताओं की उपस्थिति भी सहज ही देखी जा सकती है। लेकिन दूसरी ओर, महागठबंधन के नेताओं की चुनावी सभा में ऐसी एकजुटता नहीं दिखती।

सिर्फ भागलपुर में एक साथ दिखे महागठबंधन नेता

महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के उम्मीदवार के प्रचार के लिए राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बिहार आ चुके हैं। लेकिन खरगे के मंच पर स्थानीय राजद नेताओं के अलावा राज्य स्तर का कोई नेता नहीं दिखा। भागलपुर में राहुल गांधी की सभा में तेजस्वी और मुकेश सहनी मंच पर जरूर नजर आए थे।

अबतक 90 जनसभा कर चुके हैं तेजस्वी यादव

दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी सर्वाधिक चुनावी सभाएं करने वाले बिहार के नेता बनते जा रहे हैं। तीसरे चरण का चुनाव आते-आते तेजस्वी की करीब 90 चुनावी सभाएं हो चुकी हैं।

लेकिन तेजस्वी के मंच पर बिहार कांग्रेस का कोई नेता मंच साझा करता नहीं दिख रहा। हालांकि राजद-कांग्रेस दोनों दल दावा करते हैं कि स्थानीय स्तर पर दोनों दलों के नेता एक-दूसरे के साथ मंच साझा करते हैं।

लेकिन, सच्चाई यह है कि अमूमन तेजस्वी की सभाओं में एकमात्र विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी ही सक्रिय रूप से साथ-साथ दिख रहे हैं।

क्या कहते हैं महागठबंधन के प्रवक्ता?

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन कहते हैं, अभी तो पांच चरणों का चुनाव बाकी है। जैसे-जैसे आगे की सीटों पर मतदान की तिथियां नजदीक आएंगी सहयोगी दल के नेता एक-दूसरे के साथ जरूर नजर आएंगे।

वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ कहते हैं कि बिहार में 40 सीटों पर चुनाव है। देश में 543 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। सभी नेता एक मंच पर होंगे तो लड़ाई प्रभावित होगी।

राठौड़ ने कहा कि वैसे भी दिल्ली हो या मुंबई हर जगह मंच पर महागठबंधन के नेता एक साथ नजर आए हैं। वे राजद-कांग्रेस में किसी भी तरह की दूरी से इनकार करते हैं।

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