Samrat Chaudhary: 'सभी 40 सीटों पर खुद PM Modi लड़ रहे लड़ाई', सम्राट ने बताई BJP की बड़ी चुनौती; पढ़ें Exclusive Interview
बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत की। दैनिक जागरण से बातचीत में सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की 40 सीटों पर राजग का प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन लड़ाई प्रधानमंत्री मोदी लड़ रहे हैं। सम्राट ने कहा कि लोकसभा चुनाव की यह लड़ाई बालू दारू और भू माफिया के चंगुल से बिहार को बचाने की लड़ाई है।
रमण शुक्ला, पटना। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की गिनती उन नेताओं में होती है, जिनके अंदर जो कुछ पक रहा होता है, वह अप्रिय ही क्यों न हो, बाहर निकालने में हिचकते नहीं है।
बात 17 मार्च 2021 की है। उस समय के विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे थे। सम्राट पंचायती राज मंत्री की हैसियत से विधायकों के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। विभाग की ओर से सही समय पर जवाब न आने के लिए सिन्हा ने सम्राट चौधरी को टोका। जवाब मिला- ज्यादा व्याकुल नहीं होना है। सिन्हा कुछ देर चुप रहे, फिर आसन से उठकर अपने कमरे में चले गए।
10 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार राजग से अलग हुए तो उसके कुछ दिनों बाद सम्राट ने माथे पर पगड़ी बांध ली। घोषणा की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गद्दी से उतारने के बाद ही यह पगड़ी खुलेगी। लेकिन, राजनीतिक चक्र ऐसा कि वे नीतीश सरकार में नम्बर दो मंत्री बने। उस दिन से यह प्रश्न उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है कि वे पगड़ी कब उतारने जा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता रमण शुक्ला ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं इसके प्रमुख अंश।
प्रश्न : लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने आपको प्रदेश अध्यक्ष के साथ उप मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपकर दोहरी जिम्मेदारी बढ़ा दी है। संगठन एवं सरकार के स्तर पर कितना दबाव महसूस कर रहे हैं। आपके नेतृत्व की भी परीक्षा है।
उत्तर : 33-34 वर्षों के संसदीय एवं सामाजिक जीवन में 16 से 18 घंटे पार्टी एवं सरकार के कामकाज के प्रति समर्पित रहा हूं। ऐसे में दबाव तो मैंने कभी महसूस नहीं किया। जहां तक दोहरे दायित्व के दबाव की आप बात कर रहे हैं तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा एवं गृह मंत्री अमित शाह के भरोसा व स्नेह का प्रतिफल है। मेरी कोशिश है कि पार्टी नेतृत्व, राजग के सहयोगियों के साथ ही बिहार के 14 करोड लोगों की कसौटी पर खडा उतरूं।
प्रश्न : बिहार की 40 सीटों पर सबसे अधिक चुनौती किस सीट पर है?
उत्तर : देखिए बिहार की 40 की 40 सीटों पर राजग का प्रत्याशी भले ही कोई और है, लेकिन लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लड़ रहे हैं। 18वींं लोकसभा की लड़ाई नया भारत बनाने की है। परिवारवाद, भ्रष्टाचार, जंगलराज एवं गुंंडा राज के विरूद्ध है।
बालू, दारू एवं भू माफिया के चंगुल से बिहार को बचाने की लड़ाई है। सत्ता के दुरूपयोग को रोकने की लड़ाई है। ऐसे में सिर्फ एक सीट किशनगंज में थोडी मेहनत की जरूरत है।
प्रश्न : बिहार में भाजपा का मुख्य एजेंड क्या होगा?
उत्तर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी ही चुनाव का मुख्य एजेंडा है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास एवं सबका विश्वास’ के संकल्प के आधार पर मोदी के विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की गारंटी ही भाजपा का मुख्य एजेंडा है।
राजग सरकार के दौरान लिए गए निर्णय के तहत बंपर भर्तियां हुईं है। केंद्र की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का बिहार में व्यापक असर है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत बिहार के 81 लाख किसान लाभान्वित है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बिहार में 1.61 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं।
उज्ज्वला योजना के तहत बिहार में 1.2 करोड़ से ज्यादा गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन दिए गए हैं। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत बिहार के 8.71 करोड़ गरीबों को हर महीने मुफ्त अनाज दिए जा रहे हैं। पीएम आवास योजना से बिहार में 53.49 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं।
आजादी के बाद पहली बार इस योजना के तहत 82 प्रतिशत मकानों का मालिकाना हक महिलाओं को दिया गया है। 4.45 लाख गरीब इसका लाभ ले चुके हैं। जन धन योजना के तहत बिहार में 5.38 करोड़ खाते खोले गए हैं। यह सब मोदी की गारंटी का ही परिणाम है।
प्रश्न : सांसद अजय निषाद ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है। मुजफरपुर सीट पर इससे नुकसान हो सकता है।
उत्तर : देखिए भाजपा व्यक्ति नहीं, कैडर आधारित पार्टी है। भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जिसमें पन्ना प्रमुख एवं बूथ कार्यकर्ता भी शीर्ष पद पर बैठ सकता है।
पार्टी अजय निषाद के लिए कुछ और बढि़या सोच रही थी, लेकिन वह समझ नहीं पाए। देश का सहनी समाज नरेन्द्र मोदी के साथ हैं। मल्लाह-सहनी समाज को भाजपा ने जितना दिया शायद उतना आज तक किसी पार्टी ने दिया।
ओबीसी आयोग को जब संवैधानिक दर्जा दिया गया तो इस आयोग के पहले अध्यक्ष भी सहनी समाज से आने वाले भगवान लाल सहनी बने। बिहार के इतिहास में पहली बार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भाजपा ने हरि सहनी को बनाया।
प्रश्न: जन जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने से भाजपा का कोई लाभ होगा
उत्तर: जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न मिलने पर बिहार के करोड़ों पिछड़े, अतिपिछड़े अपने को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। जननायक के सम्मान से पूरा बिहार गौरवान्वित है।
देश में जिसे कोई नहीं पूछता है उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूजते हैं। यह जननायक को भारत रत्न देने से प्रमाणित हो गया है। कांग्रेस और राजद ने हमेशा कर्पूरी जी की उपेक्षा की।
राजद कर्पूरी जी के नाम का इस्तेमाल तो अपनी राजनीति को चमकाने के लिए करता रहा मगर उसकी फितरत हमेशा उन्हें अपमानित करने की रही।
राजद ने बार-बार कर्पूरी जी का उपहास उड़ाया बल्कि पिछड़ों,अतिपिछड़ों को भी ठगा है। बिहार का पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज इसके लिए राजद को कभी माफ नहीं करेगा।
जिस अहंकारी, परिवारवादी कांग्रेस के खिलाफ कर्पूरी आजीवन लड़ते रहे, सत्ता एवं कुर्सी के लिए लालू यादव को उसी कांग्रेस की गोद में बैठने में जरा भी शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई।
प्रश्न: आपकी पगड़ी/मुरेठा विपक्ष में रहने के दौरान बहुत चर्चा में रही थी। यह अब भी लोगों के कौतूहल का विषय बना हुआ है। कब उतारेंगे
उत्तर: समय आने पर अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम की चरणों में समर्पित करूंगा।
प्रश्न : लोकसभा चुनाव भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? कोई रणनीति, कैसे निपटेंगे?
उत्तर : भाजपा को अपने काम एवं अपने नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। भाजपा संगठनात्मक स्तर पर काफी मजबूत है। भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता जनता के बीच है और वह प्रधानमंत्री के 10 साल के कार्यों व उपलब्धियों को जनता तक पंहुचा रहे हैं। जनता भी पूरी तरह से भाजपा के साथ है।
भाजपा विपक्ष के हर प्रपंच से निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जनता के बीच विपक्ष की कोई विश्वसनीयता नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद जीरो पर आउट हुआ था।
इस बार बिहार में आइएनडीआइए का खाता नहीं खुलने वाला है। भाजपा अपने सहयोगी पार्टियों के साथ बिहार की सभी लोकसभा सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करेगी। कहीं, किसी स्तर पर कोई चुनौती नहीं है।
प्रश्न : सरकार में उप मुख्यमंत्री के साथ ही कम अवधि के लिए लेकिन आपके पास नौ विभागों का दायित्व था। जनता के बीच संदेश देने के लिए आपने कोई विशेष पहल की हो?
उत्तर : मेरा सर्वोपरि लक्ष्य है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन को नए सिरे स्थापित करना है। विधि व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए स्पीडी ट्रायल की निगरानी बढ़ाई जाएगी। शहरीकरण के विकास दर को 36 प्रतिशत तक पहुंचाना है।
बिहार के 43 शहर में सेटेलाइट सिटी बसाने के लिए 500 से 1000 एकड़ का लैंड बैंक बनाएंगे। इसमें एक हजार से लेकर पांच हजार फलैट का निर्माण कराकर शहर में रहने वाले लोगों को सस्ता आवास उपलब्ध कराना है।
साथ ही दो शहर राजगीर एवं भागलपुर में वैश्विक स्तर का हवाई अड्डा राज्य सरकार की पहली शीर्ष प्राथमिकता है। इसके अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में मात्र 15 दिनों के भीतर करीब ढ़ाई करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक के इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाया गया है।
प्रश्न : नियोजित शिक्षकों को भाजपा विशेषकर सम्राट चौधरी से बहुत भरोसा था। उनका आरोप है कि अब आप उनकी नहीं सुन रहे हैं। क्या कहेंगे।
उत्तर : मैंने नियोजित शिक्षकों को जो भरोसा दिया था उस कसौटी पर खरा उतर रहा हूं। मैंने कहा था समक्षता परीक्षा नहीं देने वाले किसी की नौकरी नहीं जाएगी। आज भी उस पर कायम हूं।
सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 94 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों को उनकी मांग के अनुकूल पदस्थान वाले जिले दिए गए हैं। आगे भी उनकी मांगों पर सकारात्मक तरीके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विचार कर रहे हैं।
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