बिहार की अनोखी लोकसभा सीटें... जहां लाखों मतों से EVM हुई गुलजार, वहीं कुछ सीटों पर हजार वोट के लिए तरसे उम्मीदवार
चुनाव में किस्मत आजमाने भले कई सारे उम्मीदवार खड़े हो जाएं लेकिन यह बात अमूमन सब जानते हैं कि मुकाबले में कौन रहेगा और कौन केवल नाम के लिए खड़ा हुआ है। इसका असर होता है कि ऐसे उम्मीदवारों को ज्यादा वोट भी नहीं मिल पाता है। पिछले चार लोकसभा चुनावों में पटना जिले के उम्मीदवारों का नाम ही सबसे कम मत पाने वालों की सूची में शामिल है।
जागरण संवाददाता, पटना। चुनाव में किस्मत आजमाने भले कई सारे उम्मीदवार खड़े हो जाएं लेकिन यह बात अमूमन सबको पता होती है कि मुकाबले में कौन रहेगा और कौन बस नाम के लिए मैदान में है। इसका असर होता है कि ऐसे उम्मीदवारों को ज्यादा वोट भी नहीं मिलता।
पिछले चार लोकसभा चुनावों की बात करें तो पटना जिले के उम्मीदवारों का नाम ही सबसे कम मत पाने वालों की सूची में है। चुनावों के परिणामों पर गौर करें तो कम वोट पाने वाले भी औसतन एक से तीन हजार तक ले आए।विजेता और दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों को लाखों वोट पड़े तो अन्य कई उम्मीदवार हजार वोट के लिए भी तरस गए।
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के एक प्रत्याशी को राज्य में सबसे कम मत
2019 के चुनाव की बात करें तो राज्यभर में सबसे कम मत पाटलिपुत्रा लोकसभा सीट के एक प्रत्याशी को गया। इस सीट से 25 उम्मीदवार मैदान में थे। उनमें सबसे कम 770 एक उम्मीदवार को मिला यह कुल मत का केवल 0.07 प्रतिशत था।
एक हजार से कम मत पाने वाले एक उम्मीदवार के हिस्से में 951 मत ही आए। पटना साहिब के एक उम्मीदवार को मत एक हजार से कुछ ज्यादा पड़े, यह कुल वोट का 0.1 प्रतिशत था।
पटना साहिब के दो प्रत्याशियों की झोली में एक हजार मत भी नहीं
2014 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब के एक उम्मीदवार को कुल पड़े 9,21,761 में से 1243 मत प्राप्त हुए। वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर लोकसभा के दो प्रत्याशियों को एक हजार से कम मत मिले। एक को 728 तो दूसरे को 830 वोट ही प्राप्त हुए।
इसी तरह पटना साहिब के दो उम्मीदवारों के पक्ष में क्रमश: 773 व 893 मत पड़े। इसी चुनाव में जहानाबाद के तीन प्रत्याशियों को एक हजार से भी कम वोट मिले, इनकी संख्या क्रमश: 753, 719 और 994 रही।
2004 में पटना के पांच प्रत्याशियों की शर्मनाक हार
इससे एक चुनाव पहले 2004 में देखा जाए इस बार भी पटना लोकसभा सीट के उम्मीदवार ही सबसे कम वोट पाने वाले की सूची में शामिल रहे। कुल पांच उम्मीदवार को एक हजार से भी कम मत प्राप्त हुए। यह एक तरह से रिकॉर्ड ही था। चुनाव में नौ लाख से ज्यादा मत पड़े।
सबसे कम 351 रहा जो यहां के एक प्रत्याशी को मिला। इनके अलावा 454, 462, 535 और 912 मत चार प्रत्याशियों के जिम्मे आए। बिक्रमगंज, नालंदा के एक, जहानाबाद व नवादा के तीन-तीन प्रत्याशियों के पक्ष में एक हजार से कम मत आए।
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