Move to Jagran APP

Bihar Politics: इस समाज को साधने के लिए भाजपा ने बिछाई बिसात, इन 7 सीटों पर हैं सबसे बड़े फैक्टर

भाजपा बिहार में अभ नए समीकरणों को साधने में जुट गई है। इसका ताजा उदाहरण बिहार भाजपा के इतिहास में पहली बार धानुक समुदाय के विधायक सुरेंद्र मेहता को मंत्री पद दिया जाना है। भाजपा ने इससे पहले धानुक समाज के शंभु शरण पटेल को राज्यसभा भेजकर सभी को चौंकाया था। अब बीस सूत्री में ललन मंडल को उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देकर बड़ा मैसेज दिया है।

By Raman Shukla Edited By: Mohit Tripathi Published: Sat, 16 Mar 2024 09:08 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2024 09:08 PM (IST)
धानुक समुदाय को साध नया समीकरण गढ़ने में जुटी भाजपा। (फाइल फोटो)

रमण शुक्ला, पटना। बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़े सामने आने के बाद भाजपा नए समीकरण को साधने में जुट गई है। इसका ताजा प्रमाण बिहार भाजपा के इतिहास में पहली बार धानुक समुदाय के बछवाड़ा से विधायक सुरेंद्र मेहता को मंत्री पद दिया जाना है। पार्टी ने इससे पहले धानुक समाज के शंभु शरण पटेल को राज्यसभा सदस्य बनाकर सबको चौंकाया था।

loksabha election banner

अब शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली बीस सूत्री में ललन मंडल को उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देकर पार्टी ने दूरगामी संदेश देने की पहल की है। ललन मंडल वर्तमान में भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। वहीं, भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व पार्टी ने धानुक समाज के बलराम मंडल दे रखा है।

इसके अलावा, भाजपा लीगल सेल के सह संयोजक मनोज कुमार सिंह भी धानुक समाज से आते हैं। यही नहीं, कटिहार जिला अध्यक्ष के अलावा अन्य कई प्रमुख दायित्व में धानुक समाज को आगे कर बड़े एवं निर्णायक मतदाता वर्ग को भाजपा ने रिझाने का दांव चला है।

धानुक समाज की आबादी

दरअसल, धानुक जाति की आबादी 2.14 प्रतिशत है। यानी राज्य में इनकी संख्या 27 लाख 96 हजार 605 बताई गई है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार बिहार के करीब एक दर्जन विधानसभा सीटों पर धानुक जाति की प्रभावशाली उपस्थिति है।

ऐसे में भाजपा इस जाति पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की जुगत में लगी है। हालांकि, धानुक समाज की जातिगत गणना से संबंधित आंकड़ों को लेकर सख्त आपत्ति है। समाज का प्रतिनिधत्व करने वाले नेताओं का आरोप है कि आंकड़े सच्चाई की कसौटी सही नहीं है।

7 लोकसभा क्षेत्र में है निर्णायक आबादी

भाजपा के रणनीतिकारों का दावा है कि धानुक समाज बिहार के सात लोकसभा क्षेत्र में निर्णायक स्थिति में है। इसमें

अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, झंझारपुर, मुंगेर, बेगूसराय के अलावा खगड़िया संसदीय सीट पर सवा लाख से लेकर ढाई लाख तक की जनसंख्या है।

वहीं, अगर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कुल 243 में 60 से 65 विधानसभा क्षेत्र में धानुकों की आबादी मतदान के गणति से निर्णायक है।

यह भी पढ़ें: BPSC TRE 3.0: पेपर लीक के पीछे कौन-सी ताकत? Tejashwi Yadav के इन तीखों सवालों क्या जवाब देंगे नीतीश कुमार

ED raid in Bihar-Jharkhand: बिहार-झारखंड में ED का ताबड़तोड़ छापा, 250 करोड़ के इस बड़े घोटाले से है कनेक्शन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.