Move to Jagran APP

International Women's Day: 'मां भर नहीं नारी... व्यापार की भी हैं जननी', महिला दिवस पर पढ़ें अभिनेत्री आयशा की Biography

आज के दौर में महिलाएं घर के साथ देश की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं और वे खुले आसमान की वीरांगना हैं। इनमें से एक हैं पटना की आयशा एस मेनन और इन्होंने अपनी प्रतिभा से बिहार का परचम लहराया है। आयशा ने इंडिया लॉकडाउन इंस्पेक्टर अविनाश कफ्ड जैसे सिनेमा और वेब सीरीज में भी प्रसिद्ध अभिनय का काम किया है।

By Sonali Dubey Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Fri, 08 Mar 2024 05:46 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2024 05:46 PM (IST)
महिला दिवस पर अभिनेत्री आयशा की जीवनी के बारे में पढ़ें (फाइल फोटो)

सोनाली दुबे, पटना। International Women's Day: महिलाएं केवल बच्चों की मां भर नहीं, वे आज व्यापार की भी जननी हैं। घर के साथ देश की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं। वे खुले आसमान की वीरांगना हैं तो कैमरे के आगे अभिनय कर महिलाओं की आवाज बन रही हैं। यह बड़ा बदलाव है।

loksabha election banner

इन्हीं में हैं पटना की आयशा एस मेनन, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से बिहार का परचम लहराया है। आयशा इंडिया लॉकडाउन, इंस्पेक्टर अविनाश, कफ्ड जैसे सिनेमा और वेब सीरीज में प्रसिद्ध किरदार निभा चुकी हैं।

बिहार को लेकर आयशा ये बोलीं

आयशा कहती हैं कि बिहार अब पिछड़ा नहीं, बल्कि संस्कृति और विकास में समृद्ध है। आज भी कुछ लोग बिहार को लेकर कटाक्ष जरूर करते हैं, लेकिन उन बातों को सकारात्मक भाव से लेती हूं, क्योंकि मुझे बिहार ने आगे बढ़ाया है।

उनके लिए सबसे बड़ा गर्व का क्षण था, जब उन्हें 2015 में जापान में मिस इंडिया इंटरनेशनल के खिताब से नवाजा गया था। जब उन्हें उनके नाम की जगह इंडिया कहकर पुकारा गया तो गौरव की अनुभूति हुई।

यहां से की पढ़ाई

इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के रविन्द्र बालिका विद्यालय से करने के बाद एयरोनाटिकल इंजिनियरिंग में भी उत्कृष्टता प्राप्त करके प्रतिष्ठित पद को हासिल किया।

अभिनय में रुचि थी, सो पिता ने प्रोत्साहित किया। आयशा कहती हैं, समाज में अब महिलाओं और पुरुषों की तुलना को खत्म करने का समय है। अगर लगन हो, खुद पर विश्वास हो तो मंज़िल तो मिलनी ही है।

बिहार की बेटियां अपने दम पर बना रहीं पहचान

पटना कॉलेज की सलोनी कहती हैं कि महिला दिवस हम सभी को यह याद दिलाता है कि नारियों से ही समाज का आधार है। महिलाओं को बराबरी का हकदार बनाने के लिए देश में उठाए जा रहे सभी कदम सराहनीय हैं। पटना विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की कृति प्रियम पढ़ाई के साथ राल कला के क्षेत्र में काम कर धनार्जन भी कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि रचना और नवाचार तो महिलाओं का दूसरा नाम हैं। इसी तरह छोटी उम्र में ही सशक्तीकरण का उदाहरण सीतामढ़ी की अनुपम झा बनीं। 21 साल की उम्र में ही कृषि और उद्यम में अपनी पहचान बनाई। वे मशरूम का व्यापार करती हैं। उन्हें मशरूम गर्ल के नाम से भी जाना जाता हैं। उन्होंने कहा कि अब सफलता की उस राह को चुन लिया, जिसमें कोई यू टर्न नहीं है।

ये भी पढ़ें- इन किसानों को अब नहीं मिलेगी सम्मान निधि की 17वीं किस्त, लौटाने भी पड़ सकते हैं 2000 रुपये

ये भी पढ़ें- पटना-लखनऊ वंदे भारत पर बड़ा अपडेट! इन दो स्टेशनों पर भी रुकेगी ट्रेन, टाइमिंग भी जानिए

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.