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PM Kisan Yojana: इन किसानों को अब नहीं मिलेगी सम्मान निधि की 17वीं किस्त, लौटाने भी पड़ सकते हैं 2000 रुपये

PM Kisan Yojana प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सरकारी कर्मी पेंशन पाने वाले इनकम टैक्स भरने वाले किसानों को नहीं दिया जाता है। एक ही घर में पति और पत्नी में से किसी एक को ही इस योजना का लाभ मिल सकता है। इसी को देखते हुए बीते दो साल पहले कई किसानों की यह राशि रोक दी गई थी।

By Gaurav Verma Edited By: Rajat Mourya Published: Fri, 08 Mar 2024 05:20 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2024 05:20 PM (IST)
इन किसानों को नहीं मिलेगी सम्मान निधि की 17वीं किस्त, लौटाने भी पड़ सकते हैं 2000 रुपये

संवाद सूत्र, रामनगर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ एक दिसंबर वर्ष 2018 को पीएम नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया गया था। इस योजना से वर्ष 2019 से किसानों को चार-चार महीने पर दो-दो हजार रुपये की कुल 6000 रुपये की वार्षिक सहायता राशि दी जाती है। जिसका उपयोग किसान खाद, बीज खरीदने के साथ खेती के कार्य में कर सकें।

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इस पर सालाना करीब सात करोड़ 20 लाख रुपये सालाना का प्रखंड का बजट है। जो किसानों के खाते में सीधे भेजी जाती है। इस योजना से कई किसानों को फायदा हुआ है। हाल ही में 28 फरवरी को इस योजना की 16वीं किस्त किसानों के खाते में भेजी गई है। सीमांत एवं छोटे जोत के किसानों के लिए यह योजना काफी मददगार साबित हो रही है। अब तक करीब 36 करोड़ रुपये इस योजना से किसानों को प्राप्त हुए हैं।

अपात्र किसानों को भेजी गई थी नोटिस

इस योजना का लाभ सरकारी कर्मी, पेंशन पाने वाले, इनकम टैक्स भरने वाले किसानों को नहीं दिया जाता है। एक ही घर में पति और पत्नी में से किसी एक को ही इस योजना का लाभ मिल सकता है। इसी को देखते हुए बीते दो साल पहले कई किसानों की यह राशि रोक दी गई थी।

प्रखंड के करीब 100 किसानों को इसके लिए नोटिस भी जारी की गई थी। बाद में जांच के दौरान 22 अपात्र किसानों से राशि की वसूली की गई। कुछ किसानों ने इसकी राशि को लेना बंद कर दिया पर अभी भी इसके लाभुकों की संख्या 12000 से अधिक है। जिसमें प्रति वर्ष कृषकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। करीब पांच सौ किसान और बढ़ गए हैं।

करीब 100 किसान हैं वंचित

प्रखंड में करीब 100 किसान ऐसे हैं जिनके खाते में यह राशि नहीं आई है। जिसका इंतजार किसान कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि कई किसानों का ईकेवाईसी और एनपीसीआइ का कार्य अभी नहीं हुआ है। कृषि विभाग की सूत्रों की मानें तो ऐसे किसान अपने मोबाइल से भी यह काम कर सकते हैं। सीएससी सेंटर और अपने पंचायत के कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार के सहयोग से भी कर सकते हैं। इसके बाद राशि खाते में आने लगेगी।

क्या कहते हैं किसान?

सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को समान रूप से मिलना चाहिए। अभी भी इससे कई किसान वंचित हैं। जिनको इस योजना के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। - बृज किशोर प्रसाद, किसान

यह क्षेत्र कृषि आधारित है। जहां कृषकों की संख्या अधिक है। सीमांत एवं छोटे जोत वाले कई किसान ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं। जिनमें शिक्षा की कमी है। इनको भी इसका लाभ मिलना चाहिए। - अनुज कुमार, किसान

जिन किसानों का किसी कारणवश राशि रूक गया है। उसकी अच्छी तरह जांच पड़ताल कर इसे शुरू कराने की जरूरत है। कई वाजिब किसानों का भी राशि रोक दिया गया है। - तौहीद आलम, किसान

इस योजना से किसानों को फायदा हुआ है। खेती में काफी खर्च आता है। इस राशि से कृषकों को सहायता मिलती है। जोताई, बोआई के साथ खाद, बीज की खरीद और पटवन में भी यह राशि सहयोग करती है। - अंबिका यादव, किसान

बीएओ अमरनाथ ठाकुर ने कहा कि आज कल सभी कार्य ऑनलाइन हो रहा है। इस योजना से अगर कोई किसान वंचित हैं तो, किसी भी सीएससी सेंटर और अपने स्मार्ट मोबाइल से इसके लिए आवेदन कर सकता है। ईकेवाईसी और एनपीसीआइ का कार्य भी चल रहा है। इस योजना का काफी प्रचार प्रसार हुआ है।

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