बिहार भ्रमण कर दलितों को गोलबंद करेंगे जीतन राम मांझी
डूबती नाव से कूदने के बाद जीतन राम मांझी अब अकेले दम पर तैर कर दरिया पार करने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद मांझी अपने समर्थकों को व्यथा कथा सुनाने की तैयारी कर रहे हैं।
पटना। डूबती नाव से कूदने के बाद जीतन राम मांझी अब अकेले दम पर तैर कर दरिया पार करने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद मांझी अपने समर्थकों को व्यथा कथा सुनाने की तैयारी कर रहे हैं।
28 फरवरी को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में मांझी ने अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुला रखी है। इसमें मांझी समर्थकों के साथ-साथ नीतीश विरोधी खेमे के विधायक भी मौजूद रहेंगे। बैठक की अध्यक्षता शकुनी चौधरी करेंगे। वृशिण पटेल का दावा है कि इसी दिन नई पार्टी के स्वरूप का खुलासा कर दिया जाएगा। अभी तक माना जा रहा है कि मांझी अपनी नई पार्टी का पतवार खुद थामेंगे।
अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ तो जनाधार बढ़ाने के लिए मांझी दलित चेतना रथ लेकर प्रदेश के हर जिले का दौरा करेंगे और पब्लिक को एक महादलित मुख्यमंत्री के पतन की इनसाइड कहानियों को परत दर परत बताएंगे।
मांझी को अपनी पार्टी का पतवार समझने वाले दलों और नेताओं की अपेक्षा से अलग शुक्रवार को जिस तरह से मांझी ने इस्तीफा दिया उससे साफ जाहिर हो गया है कि वर्तमान विकल्पों से अलग मांझी एक नया फ्रंट खोल सकते हैं और बिहार में सियासत की तीसरी धुरी बन सकते हैं। इसके लिए पार्टी की पूरी रूप-रेखा तैयार कर ली गई है। बस सही मौके का इंतजार है। अलग पार्टी बनाने का एलान तो मांझी ने पहले ही कर दिया है, 28 फरवरी को इस पर विधिवत मुहर भी लग जाएगी।
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