Freedom of Russia: रूस में भी छिड़ी है 'आजादी' की जंग, पुतिन विरोधी 'फ्रीडम ऑफ रशिया' दे रहा है यूक्रेन का साथ
आज हम आपको एक ऐसे गुट के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका गठन तो रूस-यूक्रेन युद्ध के समय हुआ था लेकिन ये गुट रूस के खिलाफ लड़ रहा है और रूसी राष्ट्रपति पुतिन को चुनौती दे रहा है। इसका नाम है फ्रीडम ऑफ रशिया (Freedom of Russia)।
मास्को/नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Freedom of Russia: रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक साल से अधिक हो गया। युद्ध में दोनों देशों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। युद्ध के दौरान, आपने रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर समूह के बारे में जरूर सुना होगा, जो इस समय रूस के लिए यूक्रेन से लड़ रहा है। इसी तरह, आज हम आपको एक ऐसे गुट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका गठन तो रूस-यूक्रेन युद्ध के समय हुआ था, लेकिन ये गुट रूस के खिलाफ लड़ रहा है और रूसी राष्ट्रपति पुतिन को चुनौती दे रहा है। इसका नाम है फ्रीडम ऑफ रशिया (Freedom of Russia)।
कौन है फ्रीडम ऑफ रशिया?
फ्रीडम ऑफ रशिया (Freedom of Russia) एक ऐसा समूह है, जिसका गठन वर्ष 2022 में हुआ था। इस समूह ने एक नया रूस बनाने का एलान किया है। इसका कहना है कि वे एक रूसी नागरिक होने के नाते ऐसा कर रहा है। फ्रीडम ऑफ रशिया का मकसद रूस से पुतिन को उखाड़ फेंकना है और रूस में नई सरकार की स्थापना करना है।
क्या है फ्रीडम ऑफ रशिया का मकसद?
फ्रीडम ऑफ रशिया को मिलिशा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस गुट में अधिकतर लोग रूसी सेना से निकले हुए फाइटर हैं। इसके साथ ही इस गुट में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो हथियार चलाना जानते हैं। चूंकि ये गुट पुतिन के खिलाफ है। इसलिए, गुट में पुतिन विरोधी लोग अधिक संख्या में शामिल हैं। इस गुट का काम कई भागों में बंटा है।
कहां से संचालित होता है फ्रीडम ऑफ रशिया?
फ्रीडम ऑफ रशिया के बारे में कहा जाता है कि इस गुट में एक हजार से अधिक लोग ऐसे हैं, जो हमेशा सक्रिय रहते हैं। हालांकि, कुल कितने सदस्य हैं, इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है। इसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण परेशान हो चुके हैं। फ्रीडम ऑफ रशिया अपनी बैठकें कीव से करता है। इस गुट का अगल झंडा है, जो खुद को आजाद रूस के रूप में प्रतिबिंबित करते हैं।
फ्रीडम ऑफ रशिया को कोर्ट ने माना आतंकी संगठन
रूस में फ्रीडम ऑफ रशिया की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के सुप्रीम कोर्ट को इसपर बोलना पड़ा। रूसी सुप्रीम कोर्ट ने फ्रीडम ऑफ रशिया को इस वर्ष आतंकी संगठन करार दिया है। साथ ही कोर्ट ने हिदायत दी कि अगर भविष्य में इस तरह की कोई गुट बनता है तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी।
फ्रीडम ऑफ रशिया पर क्या कहता है इंटरनेशनल मीडिया?
फ्रीडम ऑफ रशिया को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि जमीन पर कहीं है ही नहीं। कई इंटरनेशनल मीडिया का कहना है कि ये यूक्रेनी खुफिया एजेंसी की एक चाल हो सकती है। ताकि इस गुट के नाम से रूस को परेशान किया जा सके।
क्यों चर्चा में है फ्रीडम ऑफ रशिया?
फ्रीडम ऑफ रशिया ने कुछ दिन पहले ही रूस के बेलगोरोद में हमला किया था। इस वजह से यह चर्चा में है। इस हमले में करीब आठ लोग घायल हो गए थे। बेलगोरोद में हमला करने के बाद, फ्रीडम ऑफ रशिया ने खुद इसकी जिम्मेदारी ली थी।