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Russia News: रूस के हाइपरसोनिक विशेषज्ञ को मिली 14 साल की कैद, 77 साल के मासलोव पर राजद्रोह का दोष सिद्ध

रूसी समाचार एजेंसी इतरतास के अनुसार 77 वर्षीय मासलोव को मंगलवार को पीटर्सबर्ग की अदालत में कांच घेरे में पेश किया गया। बंद कमरे में हुई सुनवाई के बाद जैसे ही जज ने अपना फैसला सुनाया दोषी सिद्ध किए गए मासलोव ने खुद को निर्दोष बताया। मासलोव उसी सर्बियाई संस्थान के वैज्ञानिक हैं जहां के दो अन्य वैज्ञानिकों को 2022 में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

By Agency Edited By: Babli Kumari Published: Tue, 21 May 2024 11:45 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2024 11:45 PM (IST)
पूर्व कमांडर इवान पोपोव धांधली में हुए गिरफ्तार (फोटो-रायटर )

मास्को, रायटर। रूस में हाइपरसोनिक मिसाइलों के विशेषज्ञ और भौतिकशास्त्री एनाटोली मासलोव को राजद्रोह का दोषी करार देकर एक अदालत ने 14 साल की कैद की सजा सुनाई है। दूसरी ओर, एक सैन्य अदालत ने रूस की 58वीं सेना के पूर्व कमांडर इवान पोपोव को बड़े पैमाने की धांधली में शामिल होने के शक के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है।

रूसी समाचार एजेंसी इतरतास के अनुसार 77 वर्षीय मासलोव को मंगलवार को पीटर्सबर्ग की अदालत में कांच घेरे में पेश किया गया। बंद कमरे में हुई सुनवाई के बाद जैसे ही जज ने अपना फैसला सुनाया, दोषी सिद्ध किए गए मासलोव ने खुद को निर्दोष बताया। मासलोव उसी सर्बियाई संस्थान के वैज्ञानिक हैं जहां के दो अन्य वैज्ञानिकों को 2022 में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अन्य दो आरोपितों के नाम एलेक्जेंडर शिलयुक और वैलेरी वेगिनसेव हैं।

तीनों वैज्ञानिकों पर एक समान केस में आरोप लगाए गए

इन तीनों वैज्ञानिकों पर एक समान केस में आरोप लगाए गए हैं। इन लोगों ने हाइपरसोनिक मिसाइलों के फ्रेमवर्क पर काम किया है। इन अत्याधुनिक हथियारों में एयर डिफेंस प्रणाली के जरिये आवाज की गति से दस गुना रफ्तार से हथियार ले जाने की क्षमता है। वहीं, मासलोव के वकील येवगेनी मिरनोव का कहना है कि मासलोव को दोषी ठहराना कानून का उल्लंघन है।

'वह रूसी प्रशासन की नीतियों के शिकार हुए'

वह रूसी प्रशासन की नीतियों के शिकार हुए हैं। वह दिल के मरीज हैं और वह इस सजा के खिलाफ अपील करेंगे। इस बीच, एक सैन्य अदालत ने रूस की 58वीं सेना में मेजर जनरल रहे इवान पोपोव को बड़ी धांधली के आरोप में गिरफ्तार किया है। पोपोव के वकील ने बताया कि उन्हें दो महीने के लिए बंदी बनाया है। पिछले साल पोपोव ने कहा था कि उन्हें सेना से निकाला गया क्योंकि उन्होंने यूक्रेन में अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैन्य नेतृत्व से यह कहा था कि रूस की हालत खराब हो सकती है।

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