Action on Sajid Majeed Mir: पाक ने मुंबई हमले के हैंडलर साजिद को क्यों भेजा जेल, पर्दे के पीछे की यह है असल कहानी
जो पाकिस्तान 2008 के मुंबई आतंकी हमले के हैंडलर साजिद मजीद मीर को अपने यहां होने से अब तक इनकार करता आया है... आखिर क्या वजह रही कि उसने आतंकी मीर को जेल में डाल दिया। साथ ही इस जानकारी को भी छुपाए रखा...
लाहौर, पीटीआइ। आतंकियों के आका पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के हैंडलर साजिद मजीद मीर के अपने देश में होने से ही इन्कार कर दिया। बाद में उसकी मौत की घोषणा कर दी। अब ऐसी क्या वजह रही कि मुंबई हमले के 14 साल बाद उसी साजिद मजीद मीर को आतंकी फंडिंग मामले में एक अदालत से 15 साल छह महीने की सजा दिलाकर जेल भेज दिया। आइए जानें पर्दे के पीछे की असल कहानी क्या है और क्यों पाकिस्तान को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा...
यह है असल वजह
बताया जाता है कि आतंकी फंडिंग मामले में पश्चिमी देशों के अड़ने पर पाकिस्तान ने यूटर्न लिया है। यही नहीं इसके पीछे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का आतंकियों पर कार्रवाई को लेकर भी दबाव रंग लाया।
इसलिए छिपाई सचाई
दबाव के कारण पाकिस्तान ने मीर पर कार्रवाई तो कर दी, लेकिन हरसंभव कोशिश यह कि इसकी सूचना सार्वजनिक ना होने पाए। पंजाब पुलिस ने मीर को सजा की जानकारी मीडिया को नहीं दी, जबकि वह आमतौर पर ऐसी हर जानकारी देती रही है। दुनिया में उसकी छवि खराब ना हो इस वजह से पाकिस्तान ने यह सचाई छिपाई।
यह पाकिस्तान का दोहरा चरित्र
खस्ताहाल पाकिस्तान का यह दोहरा चरित्र ही है कि वह एक तरफ तो वैश्विक संस्थाओं से कर्ज हासिल करने के लिए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दिखावा कर रहा है। दूसरी तरफ उसे सार्वजनिक करने से भी परहेज कर रहा है।
दो माह तक साधे रखी चुप्पी
आतंकी मामलों में सजा होने पर अक्सर ढिंढोरा पीटने वाले पाकिस्तान की पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने साजिद के मामले में दो माह तक चुप्पी साधे रखी। साजिद भारत में तो वांछित है ही, अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआइ) ने भी उस पर 50 लाख डालर का इनाम घोषित कर रखा है।
यह भी एक बड़ी वजह
साजिद को सजा ऐसे समय में हुई है, जब पेरिस स्थित वैश्विक आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था एफएटीएफ के अधिकारी पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं। ये अधिकारी मनी लांड्रिंग तथा आतंकी फंडिंग के खिलाफ पाकिस्तान की पहल व कार्रवाई का सत्यापन करेंगे। अधिकारी अगर पाकिस्तान के कदमों से संतुष्ट हुए तभी वह वैश्विक संगठन की ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकेगा।
साढ़े पंद्रह साल कारावास की सजा
एक वरिष्ठ वकील ने शुक्रवार को बताया, 'महीने की शुरुआत में लाहौर के एक आतंकवाद रोधी न्यायालय ने आतंकी फंडिंग मामले में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य 44 वर्षीय साजिद मीर को साढ़े पंद्रह साल कारावास की सजा सुनाई थी।' कोर्ट ने उस पर 4,20,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
एफएटीएफ के समक्ष साजिद की सजा को बताई उपलब्धि
पाकिस्तानी समाचार पत्र डान में शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाल ही में एफएटीएफ की कार्य योजना संबंधी प्रगति रिपोर्ट में साजिद को हुई सजा को इस्लामाबाद की प्रमुख उपलब्धियों के रूप में पेश किया है। पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है और चीन, तुर्किये व मलेशिया की मदद से ब्लैक लिस्ट में जाने से बचता रहा है।
अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली का हैंडलर रहा है साजिद
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी। साजिद को इन हमलों का प्रोजेक्ट मैनेजर कहा जाता है। वह दूसरे देशों में लश्कर के लिए गुर्गो की भर्ती करता था और अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली का हैंडलर माना जाता था। अमेरिका की एक अदालत ने उसके खिलाफ 22 अप्रैल, 2011 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
क्रिकेट प्रशंसकों की आड़ में वाघा बार्डर से किया था प्रवेश
साजिद ने वर्ष 2005 में फर्जी नाम व पासपोर्ट का इस्तेमाल कर क्रिकेट प्रशंसकों की आड़ में वाघा बार्डर होते हुए भारत में प्रवेश किया था। उसने 2006 में मुंबई हमले के लक्ष्यों की पहचान के लिए हेडली को भारत भेजा था। इसी वर्ष सिंध की ठाठा सीमा से 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने भारत में प्रवेश किया था, जिन्हें प्रशिक्षित करना और उन तक साजिद का निर्देश पहुंचाना हेडली की जिम्मेदारियों में शामिल था।
मास्टरमाइंड हाफिज सईद को हो चुकी है सजा
मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत ने आतंकी फंडिंग मामले में 68 साल कारावास की सजा सुनाई है। मुंबई हमले के स्वयंभू आपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी को भी सजा हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र से आतंकी घोषित सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डालर का इनाम घोषित कर रखा है।